भारत में डायबिटीज़ की देखभाल के लिए ‘1000-दिवस चुनौती’ लॉन्च

नई दिल्ली। विश्व डायबिटीज़ दिवस के अवसर पर, नोवो नॉर्डिस्क एजुकेशन फाउंडेशन (एनएनईएफ) एवं नोवो नॉर्डिस्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने अग्रणी हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के साथ भारत में अनियंत्रित डायबिटीज़ को संबोधित करने के लिए ‘‘1000-दिवस चैलेंज’’ लॉन्च किया है। अनियंत्रित डायबिटीज़ भारत में गंभीर समस्या है और डायबिटीज़ के कारण हर साल हेल्थकेयर में 63,000 करोड़ रु. से ज्यादा खर्च होते हैं। 1000 दिवस चैलेंज का उद्देष्य दिए गए समय में 150,000 प्रैक्टिशनर्स और 10,000 पैरामीडिक्स के बीच 6000 से अधिक मेडिकल मीटिंग्स एवं निरंतर मेडिकल शिक्षा (सीएमई) प्रोग्राम्स द्वारा जागरुकता व शिक्षा का प्रसार करना है। इसके अलावा डायबिटीज़ केयर की स्थिति पर रियल टाईम डेटा इनोवेटिव ‘इंडिया डायबिटीज़ केयर इंडेक्स’ के द्वारा पहली बार उपलब्ध कराया गया है। यह इंडेक्स एचबीए1सी डेटा द्वारा दिए गए शहर में औसत ब्लड शुगर कंट्रोल 3 महीनों की अवधि में प्रदान करता है।

डॉ. ए. के. दास, सीनियर प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ एंडोक्राइनोलॉजी एवं मेटाबोलिज़्म, पॉन्डिचेरी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसेस एवं इंपैक्ट इंडिया प्रोग्राम के संरक्षक ने कहा, ‘‘एचबीए1सी लेवल को इस अभियान के लिए प्रमुख परफॉर्मेंस संकेतक के रूप में अपनाया जाएगा। इंडिया डायबिटीज़ केयर इंडेक्स प्रदर्शित करता है कि भारत में एचबीए1सी का वर्तमान औसत आम तौर पर अनुशंसित 7 प्रतिशत के मुकाबले 8.56 प्रतिशत है। इंपैक्ट इंडिया द्वारा हम इलाज किए गए मरीजों में एचबीए1सी के स्तर को कम करने के लिए काम करेंगे। एचबीए1सी में प्रत्येक 1 प्रतिशत की कटौती से स्ट्रोक का खतरा 12 प्रतिशत कम हो जाता है, दिल के दौरे का खतरा 14 प्रतिशत कम हो जाता है, आंखों की डायबिटीक बीमारी का जोखिम 31 प्रतिशत कम हो जाता है, डायबिटिक किडनी बीमारी का खतरा 33 प्रतिशत घट जाता है और डायबिटिक लिंब डिज़ीज़ का खतरा 43 प्रतिशत कम हो जाता है। ए ए ’’

इंडिया डायबिटीज़ केयर इंडेक्स अगले कुछ महीनों में 15 बड़े शहरों में लॉन्च किया जाएगा और इसे त्रैमासिक आधार पर अपडेट किया जाएगा। दिल्ली में इसकी लॉन्च ईवेंट में भारत में डायबिटीज़ के सर्वोच्च विशेषज्ञ शामिल हुए, जिनमें पूर्व क्रिकेटर और नोवो नॉर्डिस्क चेंजिंग डायबिटीज़ एम्बेसडर अनिल कुंबले तथा रॉयल डेनिश एम्बेसी एम्बेसडर, एचई पीटर ताकसो-जेनसेन शामिल हैं।

मेल्विन डिसूज़ा, मैनेजिंग ट्रस्टी, नोवो नॉर्डिस्क एजुकेशन फाउंडेशन ने इस महत्वाकांक्षी अभियान के बारे में कहा, ‘‘यह प्रोग्राम डायबिटिक केयर में सुधार की हमारी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है। हमारा उद्देश्य साफ है : भारत में औसत एचबीए1सी में विविध हितग्राहियों के साथ साझेदारी में कम से कम 1 प्रतिशत की कमी करना। इस इनोवेटिव दृष्टिकोण के साथ हम प्रमुख जोखिम वाले नाज़ुक क्षेत्रों को पहचानना और ऐसे समाधानों के विकास में साझेदारी करना चाहते हैं, जो डायबिटीज़ को कम करने में समर्थ हों।’’

इस कार्यक्रम के तहत अनिल कुंबले विविध उपायों द्वारा सेहतमंद जीवनशैली को बढ़ावा देंगे। वो दैनिक व्यायाम को प्रोत्साहित करेंगे और ‘सोशल स्नैकिंग’ एवं हाई-कैलोरी वाले प्रोसेस्ड फूड के आहार को कम करने के लिए कहेंगे। अनिल कुंबले ने कहा कि यदि हम डायबिटीज़ के बढ़ते ग्राफ को कम करना चाहते हैं, तो हमें मिलकर ऐसी चीजों को कम करना होगा, जिनकी वजह से लोगों को डायबिटीज़ का खतरा होता है। एक स्पोर्ट्सपर्सन के रूप में मैं कठोर चुनौतियों के लिए तैयार रहता हूँ और 1000 दिवस चैलेंज के साथ हम हर हितग्राही को सामूहिक रूप से काम करने के लिए बुला रहे हैं।

बता दें कि भारत में 72.9 मिलियन लोगों को डायबिटीज़ है। डायबिटीज़ से जुड़ी अन्य समस्याएं, जैसे हाइपरटेंशन एवं हाई कोलेस्ट्रॉल भी भारत में बहुत ज्यादा एवं क्रमशः 26 प्रतिशत और 14 प्रतिशत हैं, जिससे लोगों को दिल एवं रक्तवाहिनियों की बीमारियों का अतिरिक्त खतरा बढ़ जाता है। ए

इस अवसर पर डॉ. निखिल टंडन, हेड ऑफ डिपार्टमेंट ऑफ एंडोक्राईनोलॉजी, एम्स, एवं पद्मश्री अवार्डी ने कहा कि डायबिटीज़ का प्रभाव पीड़ित व्यक्ति एवं पूरे परिवार को महसूस होता है। यह न केवल शारीरिक नुकसान करता है, बल्कि भावनात्मक एवं आर्थिक तनाव भी पैदा करता है। रियल टाईम डेटा की मदद से केंद्रित कार्यक्रम इस बढ़ती समस्या को रोकने के लिए सही मार्ग है।

इस कार्यक्रम द्वारा नोवो नॉर्डिस्क भारत में डायबिटीज़ बढ़ने के पीछे के मुख्य तत्वों को समझने में सहयोग करेगा। यह अनियंत्रित डायबिटीज़ की जानकारी बढ़ाएगा और फिर इस ज्ञान का उपयोग लोगों की असली जिंदगी की समस्याओं के समाधान के लिए करेगा, ताकि वो डायबिटीज़ के साथ सेहतमंद जीवन व्यतीत कर सकें।

डॉ. वी मोहन, चेयरमैन, डॉ. मोहंस डायबिटीज़ स्पेशियल्टीज़ सेंटर, एवं पद्मश्री अवार्डी ने कहा, ‘‘इस कार्यक्रम का उद्देश्य बहुत साफ है। यह सभी संबंधित हितग्राहियों को एकत्रित करेगा। इंडिया डायबिटीज़ केयर इंडेक्स जैसा टूल उन क्षेत्रों की पहचान करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिन पर सर्वाधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत है। पहली बार हमारे पास अपने प्रयासों का प्रभाव देखने के लिए एक मापन का सिस्टम है।’’

इस कार्यक्रम के तहत, प्रैक्टीशनर्स (डॉक्टर्स एवं पैरामीडिक्स), फिज़िशियन एसोसिएशंस, सरकारी एजेंसीज़ एवं हेल्थकेयर संस्थान के साथ साझेदारी के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा, ताकि भारत के लिए उपयोगी डायबिटिक केयर का विकास करके क्रियान्वयन किया जा सके। फ्रेडरिक कियर, एचवीपी, रीज़न एएएमईओ, नोवो नॉर्डिस्क ए/एस ने कहा, ‘‘नोवो नॉर्डिस्क पर हम लगभग 100 सालों से डायबिटीज़ में परिवर्तन के लिए काम कर रहे हैं। इस नए अभियान के साथ हमने महत्वाकांक्षी लक्ष्य स्थापित किए हैं और हमें उम्मीद है कि भारत डायबिटीज़ के प्रबंधन में एक रोल मॉडल के रूप में उभरेगा।’’

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