वर्ल्ड नो तंबाकू दिवस पर विशेष
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। तंबाकू चबाने को तंबाकू के उपयोग का एक उग्र रूप माना जाता है, लेकिन भारत में अत्यधिक प्रचलित है, विशेष रूप से निम्न सामाजिक-आर्थिक समूहों के बीच। यह मुंह के कैंसर के का प्रमुख कारण बनता है, यह कैंसर भारतीय तंबाकू सेवन करने वाले पुरुषों में सबसे आम है, जो इस आदत की व्यापक प्रकृति के कारण है।
डॉ अनुभा सिंह का कहना है कि तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने में मीडिया की भूमिका पर जोर दिया जाना चाहिए, जबकि तम्बाकू तक आसान पहुंच पर अंकुश लगाना, विशेष रूप से युवा पीढ़ी के बीच बहुत जरूरी है।
डॉक्टरों द्वारा सुझाई गई धूम्रपान से छुटकारा पाने की मैनेजमेंट शैली
– छोड़ने से शुरू करो
– कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर अच्छी तरह से संतुलित आहार लें
– शराब के अधिक सेवन से बचें
– नियमित रूप से व्यायाम करें
– प्रकृति के करीब आएं
– आत्मसंयम को बनाए रखें
तनाव से दूर रहें जो आमतौर पर आपके हृदय स्वास्थ्य, प्रजनन क्षमता और त्वचा की उम्र बढ़ने पर प्रभाव डालता है
– संयमित दिनचर्या का पालन करें
– विशेषज्ञों की सहायता लें
प्रसिद्ध डर्मेटोसर्जन व डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ निवेदिता दादू का कहना है कि गालों पर गहरी रेखाएं, होंठों पर गहरी रेखाएं, आंखों के कोनों में झुर्रियां, उभरी हुई चीकबोन्स व सिकुड़ी हुई त्वचा सभी धूम्रपान के परिणाम हैं। सिगरेट या हुक्का के किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन आपकी त्वचा की सामान्य उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है, जिससे समय से पहले ही झुर्रियों दिखने लगती हैं। जितना अधिक आप धूम्रपान करते हैं या ऐसे व्यक्ति के अधिक संपर्क में रहते हैं उतनी ही अधिक त्वचा पर झुर्रियां पड़ने की संभावना होती है। त्वचा दो तरह से तंबाकू से प्रभावित होती है, पहला आस-पास तंबाकू का सेवन करने वाले व्यक्ति के कारण हवा में मैजूद हानिकारक तत्वों का त्वचा की सतह पर इकट्ठा होकर सूखने का प्रभाव पड़ता है। दूसरा, धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है, यह त्वचा में बहने वाले रक्त की मात्रा को कम करता है, इसलिए आपकी त्वचा को ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्वों से वंचित रह जाती है जिससे कई तरह के त्वचा रोग सामने आते हैं।
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