तो क्या अब अंशु प्रकाश के जरिए सियासी खींचतान

केंद्र ने फिर अरविंद केजरीवाल सरकार से पूछे बिना दिल्ली के नए मुख्य सचिव की नियुक्ति कर दी है। मोदी सरकार के इस कदम से उसके और दिल्ली सरकार के बीच टकराव का एक नया मोर्चा खुल सकता है ।

अनंत अमित

दिल्ली । केंद्र ने फिर अरविंद केजरीवाल सरकार से मशविरा किए बग़ैर दिल्ली के मुख्य सचिव की नियुक्ति की है। इस पद पर एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिज़ोरम एवं केंद्र शासित प्रदेश) कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी अंशू प्रकाश को नियुक्त किया गया है। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अंशु प्रकाश को शुक्रवार को दिल्ली सरकार का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया। वर्ष 1986 बैच और अरुणाचल-गोवा-मिजोरम एवं केंद्र शासित (AGMUT) काडर के आईएएस अधिकारी प्रकाश को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय से उनके मूल काडर में समय से पूर्व वापस भेज दिया गया है। अंशु प्रकाश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं दीं। केंद्रीय गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद के हस्ताक्षर वाले आदेश में कहा गया, ‘गृह मंत्रालय में सक्षम प्राधिकार ने अंशु प्रकाश, आईएएस (AGMUT: 1986) को दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है।’
प्रकाश अगले हफ़्ते दिल्ली के मुख्य सचिव का पद संभालेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक उन्हें स्थायी रूप से उनके मूल कैडर (एजीएमयूटी) में भेज दिया गया है। प्रकाश इससे पहले भी दिल्ली सरकार में कई अहम ज़िम्मेदारियां संभाल चुके हैं। वे शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग में प्रमुख सचिव और डीटीसी (दिल्ली परिवहन निगम) के अध्यक्ष-प्रबंध निदेशक रहे हें। हालांकि पूर्ववर्ती एमएम कुट्‌टी की तरह ही केंद्र ने प्रकाश की नियुक्ति से पहले भी केजरीवाल सरकार से मशविरा करना ज़रूरी नहीं समझा। कुट्‌टी को इसी मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव बनाकर वापस बुला लिया गया था।
नए मुख्य सचिव की नियुक्ति पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के प्रवक्ता ने कहा है, ‘यह पहली बार नहीं है जब हमसे पूछा नहीं गया। इससे पहले एमएम कुट्‌टी की नियुक्ति भी ऐसे ही की गई थी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया देने से पहले हम इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का इंतज़ार करेंगे।’
यानी दिल्ली सरकार की प्रतिक्रिया से साफ है कि अधिकारियों की नियुक्ति और अधिकार क्षेत्र को लेकर केंद्र के साथ चल रही उसकी लड़ाई जल्द ख़त्म होने वाली नहीं है। पूर्व मुख्य सचिव कुट्टी के तबादले के पीछे सरकार और उनके बीच अच्छा संबध नहीं होना बताया जा रहा है। कुट्टी के तबादले के बाद नए मुख्य सचिव की दौड़ में एनडीएमसी चेयरमैन नरेश कुमार, गृह विभाग के प्रधान सचिव मनोज परीदा,1986 बैच की आइएएस डॉ. सतबीर साइलस बेदी और 1985 बैच के आइएएस अरुण गोयल भी शामिल थे, लेकिन बाद में अंशु प्रकाश के नाम पर मुहर लगी।

 

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