कुमकुम झा को मिला “अटल मिथिला सम्मान”

नई दिल्ली। हिंदी-मैथिली में समान रूप से साधनारत साहित्यकार और गायिका कुमकुम झा को लोक कला, साहित्य, संगीत और सामाजिक योगदान के लिए अटल मिथिला सम्मान से सम्मानित किया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मदिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें यह सम्मान दिया गया। इस आयोजन में केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली, राज्यसभा सांसद श्री प्रभात झा जी और हिंदी-मैथिली के प्रसिद्ध पाश्र्व गायक श्री उदित नारायण झा, गायक श्री हंसराज हंस सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का आयोजन हिंद पोस्ट मीडिया के प्रदीप कुमार झा ने किया था। सम्मानित होने के बाद कुमकुम झा ने कहा कि मैं साहित्य और संगीत के क्षेत्र में अपना काम कर रही हूं। हां, यह सच है कि इस प्रकार के प्रोत्साहन से मन में नई उर्जा का संचार होता है।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुस्तक ‘मेरी एक्यावन कविताएं’ का कुमकुम झा ने मैथिली में ‘हमर एकावन कविता‘ कें नाम से अनुवाद किया है। इस पुस्तक का विमोचन भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह के हाथों हुआ था। चंद दिन पहले उन्होंने मिथिला की बेटी व गोवा की राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा की पुस्तक ‘सीता पुनि बोली’ का मैथिली अनुवाद किया है। इसका विमोचन भारत में नहीं, बल्कि माॅरिशस में किया गया है। इस विमोचन समारोह में माॅरिशस की शिक्षा मंत्री, सुलभ इंटरनेशनल के पद्मश्री डाॅ बिन्देश्वर पाठक, गोवा की राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा उपस्थित थी।
दुनिया भर में मैथिली भाषा की महत्ता उसके मिठास की लेकर है। उसकी वृहत्त शब्द भंडार को लेकर है। मधुबनी के महिनाथपुर गांव की बेटी कुमकुम ने दरभंगा के एमआरएम काॅलेज से पढाई की। मधुनी के छतौनी गांव निवासी अभियंता श्री आर एन झा से विवाह के बाद भले ही वह मिथिला से बाहर रहती हों, लेकिन उनका दिल आज भी मिथिला के लिए धडकता है। मैथिली के विकास के लिए वह सतत प्रयत्नशील हैं। देश की राजधानी नई दिल्ली में एक शिक्षिका के रूप में वो नौनिहालों को संवार रही हैं, तो साथ ही साथ मैथिली और हिंदी साहित्य में साधनारत हैं।

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