होटल ताज मानसिंह की नीलामी का रास्ता साफ

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एनडीएमसी द्वारा दिल्ली के होटल ताज मानसिंह की प्रस्तावित नीलामी की निविदा प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी। जस्टिस एस. रविंद्र भट्ट और जस्टिस ए.के. चावला की बैंच ने यह फैसला सुनाया। आईएचसीएल और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने तीन मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 20 अप्रैल को नगर निकाय को होटल ताज की ई-नीलामी करने की अनुमति दे दी थी जिसे वर्तमान में टाटा ग्रुप की आईएचसीएल कंपनी संचालित कर रही है। टाटा ग्रुप पांच सितंबर 2016 के एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट की खंडपीठ में पहुंचा था। एकल न्यायाधीश ने कंपनी के इस आग्रह को नहीं माना था कि उसके लाइसेंस का आगे और नवीनीकरण किया जाए। न्यायाधीश ने कहा था कि वह विस्तार की हकदार नहीं है। आईएचसीएल ने कोर्ट में कहा था कि एनडीएमसी सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल के आदेश पर विचार करने में विफल रही कि उनका रिकॉर्ड बेदाग रहा है।
एनडीएमसी के स्वामित्व वाली संपत्ति 33 साल के पट्टे पर आईएचसीएल को दी गई थी। पट्टा 2011 में समाप्त हो गया था और कंपनी को तब से विभिन्न आधारों पर नौ अस्थायी विस्तार दिए गए। इनमें से तीन विस्तार पिछले साल ही दिए गए थे। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने दिल्ली स्थित होटल ताज मानसिंह, द कनॉट और होटल एशियन इंटरनेशनल की 33 साल के लिए ई-नीलामी करने की घोषणा की थी।

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