लॉकडाउन में फँसे प्रवासी श्रमिकों की हर संभव मदद को तत्पर बिहार सरकार

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संभावित फैलते संक्रमण के मद्देनजर देश के विभिन्न राज्यों में बिहार के प्रवासी श्रमिकों को सहयोग एवं सहायता पहुँचाने के उद्देश्य से बिहार भवन, नई दिल्ली में स्थापित नियंत्रण कक्ष में आज संध्या 6 बजे तक 3103 (तीन हजार एक सौ तीन) फोन कॉल्स आया, व्हाट्ऐप एवं अन्य माध्यमों से 708 (सात सौ आठ) सूचनाएं प्राप्त हुई तथा गूगलडॉक संपर्क प्रणाली के द्वारा 11846 (ग्यारह हजार आठ सौ छियालीस) आवेदन प्राप्त हुआ। नियंत्रण कक्ष द्वारा 207974 (दो लाख सात हजार नौ सौ चैहतर) व्यक्तियों की समस्याओं पर कार्रवाई की गयी। गूगलडॉक संपर्क प्रणाली से प्राप्त 9200 (नौ हजार दौ सौ) आवेदनों पर कार्रवाई के लिए राज्यों से अनुरोध किया गया ।
बिहार के लोग जो देश के विभिन्न भागों में फँसे हुए हैं उनके लिये स्थानिक आयुक्त, बिहार श्री विपिन कुमार द्वारा संबंधित राज्य सरकारों एवं जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर भोजन, आवासन एवं चिकित्सा की आवश्यक व्यवस्था की जा रही है।
स्थानिक आयुक्त श्री कुमार ने बताया कि इन समस्याओं पर संबंधित राज्यों के वरीय पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए त्वरित और यथोचित कार्रवाई की गयी। इसके तहत कई स्थानों से अनुपालन प्रतिवेदन भी प्राप्त हुआ है। बिहार सरकार द्वारा लाखों प्रवासियों के बुनियादी सहयोग एवं सहायता हेतु युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।
बता दें कि बिहार भवन में नियंत्रण कक्ष (011-23792009, 011-23014326, 011-23013884) स्थापित किया गया है, जिसमें कॉल्स, फैक्स, इंटरनेट और ईमेल की सुविधा है। इसमे तीन पालियों में पदाधिकारियों और कर्मियों की नियुक्ति की गयी है। नियंत्रण कक्ष के इन तीन टेलीफोन नम्बरों पर दस हंटिंग लाइन भी चालू किया गया है, ताकि सारे फोन निर्बाध रूप से काम करते रहें और फोन करने वालों को किसी भी तरह की तकनीकी परेशानी का सामना न करना पड़े।
स्थानिक आयुक्त श्री कुमार ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों का सहयोग करना बिहार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए संपूर्ण तंत्र पूर्णतः सक्रिय व प्रतिबद्ध है।

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