किसकी कविता सुनकर बाॅबी देओल ने दिया कोरोना योद्धाओं को शाबासी ?

मुंबई। देश में स्वास्थ्य संकट चल रहा है, वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने 17 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है और वर्तमान में भारत के लोग अपने घरों के अंदर बंद हैं, कई योद्धा हैं जो हमारे लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। चाहे वह पुलिस बल, डॉक्टर, नर्स, सैनिक या जरूरतमंदों को खाना देने वाले एनजीओ हों, इन कोविड -19 योद्धाओं, जैसा कि उन्हें कहा जाता है, हमारे लिए लगातार काम कर रहे हैं। उनके प्रयासों की सराहना करने वाले बॉबी देओल ने अब एक म्यूजिक वीडियो में उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया है जहां उन्होंने पहली बार एक कविता – चंद रोज की बात है यारों – को पढ़ा है।
दिलचस्प बात यह है कि बॉबी ने पहले कभी भी कैमरे पर कविता नहीं सुनाई है, लेकिन जब संजय मासूम उनके पास इस आईडिया के साथ आए और उन्होंने इसके लिए उनसे संपर्क किया, तो वह तुरंत सहमत हो गए। 2-मिनट की इस कविता का शीर्षक है चंद रोज की बात है, यह कविता न केवल वहां मौजूद हर भारतीय कोविड -19 योद्धा के शौर्य को सलाम करता है, जो हमें इस जानलेवा वायरस से बचाते है, बल्कि अदम्य मानवीय भावना का आत्म क्रियाशीलता का सूत्र भी है वह एकता जो भारतीयों को एक साथ बांधती है। दिलचस्प बात यह है कि यह वीडियो पूरी तरह से घर पर शूट किया गया है, यह बॉबी के छोटे बेटे धरम देओल ने फिल्माया है।
बॉबी ने शेयर करते हुए कहा, जब संजय ने मुझे इस कविता के बारे में बताया, मुझे कोविड योद्धाओं के प्रति उनकी कृतज्ञता दर्शाने के लिए सरलता से लिया गया, मैंने इसके साथ अपने आप को जुड़ा हुआ महसूस किया। इस सकारात्मकता के साथ जुड़कर मुझे बहुत खुशी होती है, और जिस तरह से इस स्थिति ने हम सभी ने एक साथ आकर काम किया हैं, मैं उसकी सराहना करता हूं। कौन जानता था कि सोशल डिस्टेंसिंग लोगों को एक साथ ला सकती है, हम सभी एक-दूसरे का ख्याल रख रहे हैं और भावनात्मक रूप से सभी साथ जुड़े हुए है। हालांकि ये दुनिया भर में सभी इस वक्त कठिन समय का सामना करते रहे हैं, लेकिन यह देखना बहुत ही अच्छा है कि कैसे इस वायरस ने हम सभी को इसके खिलाफ लड़ने के लिए एक साथ ला दिया है। हम सभी सिर्फ घर पर रहकरर अपने फ्रंट लाइनर के योद्धाओं के समर्थक बनकर इस नेक लड़ाई का हिस्सा बन सकते हैं।

संजय मासूम जिन्होंने पूरा आईडिया शेयर करते हुए कहा, “चंद रोज की बात है यारों, हमारे सभी कोविड योद्धाओं के प्रति सम्मान, शुक्रिया और प्रोत्साहन है, जो हमें सुरक्षित रखने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं, जबकि हम अपने घरों के अंदर लॉक्ड रहते हैं। संकट का यह समय हमारी सबसे बड़ी ताकत – विविधता में एकता को भी उजागर करता है – और इसे रेखांकित करना महत्वपूर्ण था। जब मैंने लाइनें लिखीं, तो मैं चाहता था कि कोई ऐसा व्यक्ति इसे आवाज़ दें, जिसकी आवाज इसकी महत्वपूर्णता बढ़ाए । मैंने बॉबी देओल के साथ कई फिल्मों में काम किया है। मुझे पता है कि उनके पास न केवल एक शक्तिशाली आवाज है, बल्कि सोने का दिल भी है। वह बहुत ही भावुक आदमी हैं और उनकी आवाज इस कविता को अधिक लोगों तक पहुंचाने में मदद करेगी। बॉबी ने इसे बहुत ही बेहतर तरीके और सभी भावनाओं के साथ शानदार ढंग से पढ़ा है। “

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