भारतीय संस्कृति की पूरी दुनियाभर में छाप

आबू रोड। ब्रह्माकुमारी संस्थान के शांतिवन परिसर में चल रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शनिवार को दूसरे दिन जब विदेश से पधारीं जानी-मानी हस्तियों ने भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का गुणगान किया तो डॉयमंड हॉल तालियों से गूंज उठा। विदेशी अतिथियों ने ब्रह्माकुमारी संस्थान की सराहना करते हुए इसे विश्व बंधुत्व और शांतिदूत बताया। इस दौरान नाइजीरिया से भारत पहली बार आईं वैज्ञानिक डॉ. वायोला निकोलस ने हिंदी में गीत जैसा सोचोगे तुम, वैसा बन जाओगे, जैसा कर्म होगा, वैसा फल पाओगे… गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। महासम्मेलन में रशिया से आए रूसी महासंघ के पायलट अंतरिक्ष यात्री सर्गेई अवदीव ने अपने उद्बोधन में जमकर भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक ज्ञान का गुणगान किया।उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी संगठन द्वारा सिखाए जा रहे राजयोग से मन को जो सुकून, शांति और खुशी मिलती वह और कहीं नहीं है।
मध्यप्रदेश इंदौर से पधारे राज्य मठ-मंदिर सलाहकार समिति के अध्यक्ष श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर ओम राधे-राधे बाबा ने कहा कि भारत को प्रेम, अध्यात्म के साथ विश्वगुरु के शिखर पर ले जाने का कार्य ब्रह्माकुमारी के महाकुंभ से किया जा रहा है। इस महाकुंभ से लोगों के विचार श्रेष्ठ बनाने, संस्कारों को बदलने और जीवन चरित्र को ऊंचा बनाने का अभियान चलाया जा रहा है।
तमिलनाडू मदुरई हाईकोर्ट की न्यायाधीश एस विमला ने कहा कि भगवान सब जगह नहीं हो सकते हैं इसलिए उन्होंने ब्रह्माकुमारी•ा संस्थान को बनाया। हृदय और मन की शुद्धता ही ब्रह्माकुमारी•ा की सुंदरता है। राजयोग से हमें शांति और खुशी मिलती है। ये कॉन्फें्रस हमें संदेश देती है कि हम अच्छी चीजों और अच्छी बातों को फॉलो करके खुश रह सकते हैं। हमें भगवान से जो आध्यात्मिक ऊर्जा चाहिए वह सब हमें मिलती है लेकिन हम बाहर की तरफ भागते हैं। भगवान के जरिए हमें राजयोग का जो संदेश मिला है उसे जीवन में धारण कर प्रचार-प्रसार करना चाहिए।
संस्था की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी ने कहा कि जीवन में सदा सच्चाई और सफाई रखें। चिंता में समय नहीं गंवाओ। भगवान ने कहा है ये क्या, क्यों में समय नहीं गंवाओ, जो हो रहा है अच्छा हो रहा है और जो होगा वह भी अच्छा होगा। हर एक कार्य में परमात्म की इच्छा मानकर चलें। सदा याद रखें मैं आत्मा हूं और परमात्मा की संतान हूं। सदा चेहरे पर खुशी की झलक दिखे। शांति हमारा स्वधर्म है। हम सभी परमात्मा, ईश्वर के बच्चे हैं। भाग्य विधाता अर्थात् भाग्य बनाने वाला।
लोकसभा टीवी के सीईओ और चीफ एडिटर डॉ. आशीष जोशी ने कहा कि यह विश्व का एकमात्र ऐसा संगठन है जिसकी बागडोर महिलाओं के हाथों में है। यही वजह है कि ब्रह्माकुमारी•ा संगठन मानव के अंदर छुपी दुर्लभ प्रतिभाओं का तराशने का कार्य सफलतापूर्वक कर रहा है। यहां से ईश्वरीय योजना चलाई जा रही है। राजयोग से हम स्वयं को जान सकते हैं।
संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका दादी रतनमोहिनी ने कहा कि परमात्म ज्ञान को अंगीकृत करने से ही मन में वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना जागृत होगी। महासचिव बीके निर्वैर ने सभी प्रतिभागियों को संकल्प कराया कि आज से किसी भी परिस्थिति में गुस्सा नहीं करेंगे। जनरल मैनेजर बीके मुन्नी बहन ने कहा कि हर कार्य में परमात्मा को साथ रखकर निमित्त भाव से करें। सदा निर्माण चित्त होकर चलें। सभी को सम्मान देना, कम बोलना, धीरे बोलना और मीठा बोलना अपने अमल में लाएं। कार्यक्रम संयोजक बीके मृत्युंजय भाई ने कहा कि शांति चर्चा का नहीं अनुभव का विषय है। यहां से यह संकल्प करके जाएं कि हम पवित्र आत्मा बनेंगे। मधुरवाणी गु्रप के कलाकारों ने स्वागतम् शुभस्वागतम् हैप्पी वेलकम् गीत गाया। संचालन कर्नाटक हुबई से आईं बीके वीना बहन ने किया।
मोटिवेशनल स्पीकर और टीवी ऑइकॉन सिस्टर शिवानी ने कहा कि जैसे हम अपने बच्चों के कॅरियर का प्लान बनाते हैं वैसे ही हम सब आत्माओं के परमपिता परमात्मा ने हमारा प्लान बनाया है। परमात्मा हमें देवता बनाने आए हैं। जब संसार में माता-पिता का अपने बच्चे के लिए बनाया गया प्लान पूरा हो जाता है तो फिर भगवान का प्लान तो पूरा होना ही है। आज अपने आप से पूछें कि क्या मैं सारी दुनिया के बीच रहते मैं देवता बनने के लिए तैयार हूं। आज तक हम सुनते थे कि नर ऐसी करनी करे जो नारायण बने। हम वो नर-नारी हैं जिसे स्वयं परमात्मा ने सिलेक्ट किया है। परमात्मा हमें शिक्षा देकर नारायण और लक्ष्मी बना रहे हैं। परमात्मा कहते हैं मेरे बच्चों योग करो, पढ़ाई करो और मेरी बताई धारणा पर चलो औ जीवन सात्विक बनाओ। साथ में वो ताकत देता है। आज सभी संकल्प लें कि हम अपना जीवन मंदिर में विराजित देवी-देवता जैसे उच्च और दर्शनीय बनाएंगे। स्वयं में ऐसे दैवीगुण धारण करें जो देखते ही लोग कहें ये तो जैसे देवता हैं।

 

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