ब्यूरो आॅफ एनर्जी का एनएबीसीबी के साथ हुआ दूसरा समझ्ाौता

नई दिल्ली । ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के तहत गठित विद्युत मंत्रालय का एक सांविधिक निकाय, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने पेट्रोरसायन तथा ऊर्जा दक्ष उपकरण क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए दो समझ्ाौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की। पहले समझ्ाौता ज्ञापन पर निश्पादन उपलब्धि और व्यापार (पैट) स्कीम के तहत पेट्रोरसायन सेक्टर में ऊर्जा दक्षता के कार्यान्वयन के लिए इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) के साथ हस्ताक्षर किए गए थे। बीईई के मानक और लेबलिंग कार्यक्रम के कार्यान्वयन के समर्थन के लिए मान्यता सेवाएं प्रदान करने के लिए एक तंत्र की स्थापना के लिए राष्ट्रीय प्रमाणन निकाय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीसीबी) के साथ दूसरे समझ्ाौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
समझ्ाौता ज्ञापनों पर श्री संजीव नंदन सहाय, आईएएस, अपर सचिव, विद्युत मंत्रालय, श्री राज पाल, आर्थिक सलाहकार, विद्युत मंत्रालय, श्री अभय बाकरे, महानिदेशक ऊर्जा दक्षता ब्यूरो, डाॅ. अजय माथुर, महानिदेशक, ऊर्जा और अनुसंधान सस्थान (टेरी) श्री पंकज कुमार, सचिव, सचिव, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) तथा ईआईएल, एनएबीसीबी और बीईई के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
पेट्रोरसायन क्षेत्र में पैट स्कीम के कार्यान्वयन के लिए इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) के साथ समझ्ाौता ज्ञापन
नैफ्था, गैस या मिश्रित क्रेकर वाली पेट्रोरसायन इकाइयों को पीएटी चक्र-4 के तहत शामिल किया गया है। पेट्रोरसायन क्षेत्र एक अत्यंत ही तकनीकी रूप से जटिल क्षेत्र है। अतः इसे तकनीकी सहायता की आवश्यकता है। इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के नियंत्रणाधीन एक सरकारी सार्वजनिक उद्यम क्षेत्र (पीएसयू) है जिसके द्वारा तेल एवं गैस और पेट्रोरसायन उद्योगों पर केन्द्रित विभिन्न परामर्षी कार्यकलापों का संचालन किया जाता है। पैट चक्र-प्ट के अंतर्गत क्रैकर यूनिटों की कुल ऊर्जा खपत लगभग 2.8 एमटीओई है और तीन वर्शों के बाद इस क्षेत्र से ऊर्जा की अनुमानित बचत 0.228 एमटीओई होगी।
राष्ट्रीय प्रमाणन निकाय मान्यता बोर्ड (एनएबीसीबी) के साथ दूसरे समझ्ाौता ज्ञापन
एनएबीसीबी, मानक और लेबलिंग कार्यक्रम के तहत नियामक रूपरेखा को लागू करने के लिए निगरानी और मूल्यांकन (आईएएमई) की एक स्वतंत्र एजेंसी के रूप में उत्पाद प्रमाणन निकायों को उपलब्ध कराएगी संलग्न किया जाना है। इस ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य बीईई और एनएबीसीबी के बीच एक तंत्र या सहयोग स्थापित करना है जिसमें मान्यता प्राप्त उत्पाद प्रमाणीकरण निकायों के माध्यम से एनएबीसीबी द्वारा बीईई के मानक और लेबलिंग कार्यक्रम के कार्यान्वयन के समर्थन में निगरानी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

अधिकारियों को संबंोधित करते हुए श्री संजीव नंदन सहाय, अपर सचिव, विद्युत मंत्रालय ने ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के प्रयासों की सराहना की और आषा व्यक्त की कि बीईई द्वारा आगामी वर्शों में अनेक नई नीतिगत पहलें आरंभ की जाएगी।
इस अवसर पर बोलते हुए ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के महानिदेशक ने कहा कि ‘‘बीईई द्वारा ऊर्जा दक्षता और संरक्षण को कार्यान्वित करने के लिए किफायती संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा दक्षता की प्राप्ति की गति में तेजी लाने के लिए कार्य नीतियों का मूल्यांकन करता रहा है। ईआईएल के साथ हमारा सहयोग ऊर्जा बचत प्रमाण-पत्रों के रूप में अतिरिक्त ऊर्जा बचत के व्यापार के विकल्प के साथ ऊर्जा कटौती संबंधी लक्ष्य उपलब्ध कराकर पेट्रोरसायन क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को शामिल करने की दिशा में हमारे प्रयासों को प्रदर्शित करता है। इसी प्रकार एनएबीसीबी के साथ किया गया समझौता ज्ञापन उपभोक्ता उत्पादों के लिए बीईई के मानक और लेबलिंग कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में सहायता करेगा और अंतर्राष्ट्रीय स्वीकार्यता प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रत्यायन पर आधारित विनियामक और स्वैच्छिक फ्रेमवर्क का सृजन और कार्यान्वयन करेगा।

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