एक बच्चे की मृत्यु कई पीढ़ियों की समाप्ति के बराबर है : डॉ बीरबल झा

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। जाने माने लेखक और मिथिलालोक फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ बीरबल झा ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बच्चों की मृत्यु पर गहरा दुख और चिंता व्यक्त की है। उन्होंने राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार से भी बच्चों की जान बचाने के लिए विशेष अनुरोध करते हुए कहा है कि स्वास्थ्य की गुणवत्ता बनाए रखना राज्य का मामला है और साथ ही सरकार की जिम्मेदारी भी है। मिथिला के ‘यंगेस्ट लिविंग लीजेंड’ रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रखनेवाले डॉ बीरबल जोड़ देते हुए आगे कहा- ”एक बच्चे की मृत्यु कई पीढ़ियों की समाप्ति के बराबर है । इस तथ्य से कौन इनकार करेगा कि राष्ट्र का भविष्य बच्चों की सुरक्षा और स्वस्थ विकास पर टिका है? इन गरीब बच्चों को खराब स्वास्थ्य प्रबंधन की कमी के कारण भगवान की दया पर नहीं छोड़ा जा सकता है।” 2017 में हरियाणा के गुरुग्राम में 7 साल के बच्चे की गला रेत कर हत्या करने के बाद लिखी गई किताब ‘चाइल्ड सेफ्टी ‘ के लेखक डॉ बीरबल ने आगे कहा कि यह हृदयविदारक है घटना कि अब तक राज्य में विभिन्न अस्पतालों में इंसेफेलाइटिस और हाइपोग्लाइसीमिया से सौ बच्चों की मौत हो चुकी है और सौ अन्य अपनी जिंदगी से जूझ रहे हैं। एक बच्चे की मौत की बराबरी सिर्फ 4 लाख रुपये का मुआवजा से नहीं की जा सकती है से जैसा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मृतक के परिजनों को बतौर उक्त अनुग्रह राशि के भुगतान की घोषणा की है।

इस बीच डॉ बीरबल के गीत ‘बच्चा बच्चा है भारत है की तक़दीर’ याद दिलाता है कि हमे बच्चों के प्रति और गम्भीर होना चाहिये।

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