बाल श्रम तत्काल खत्मू करने का कैलाश सत्यार्थी ने किया आह्वान

नई दिल्ली। आंकड़ों का हवाला देते हुए श्री सत्याकर्थी ने कहा कि 2030 तक 22.50 करोड़ बच्चे और युवा स्कूल नहीं जा पाएंगे (स्रोत: यूनेस्कोे)।वहीं दूसरी ओर दुनिया की 6 प्रतिशत आबादी (जिनमें से आधे बच्चे हैं) अत्यधिक गरीबी में जीने को अभिशप्त  होगी (स्रोत: वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट)। दुर्भाग्य  की बात तो यह है कि भारत बाल श्रमिकों का सबसे बड़ा हब बन गया है। इसलिए इस विकराल समस्या  को दूर करने के लिए तत्का्ल लगन और प्राथमिकता से काम करने की जरूरत है, ताकि सतत विकास लक्ष्य  एजेंडा 2030 को पूरा किया जा सके।

श्री सत्यार्थी के नेतृत्वव में सत्यार्थी आंदोलन आगामी दिनों में बच्चों से संबंधित एसडीजी (सतत विकास लक्ष्यों) को प्राप्त करने के लिए वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर पर्याप्त बजट आवंटन की मांग करेगा। इसके अलावा सत्यापर्थी आंदोलन बच्चों  के हित में काम कर रहे संयुक्तआ राष्ट्रि के सभी संगठनों यूनिसेफ, यूनेस्को, आईएलओ, यूएनएचसीआर आदि को मिलाकर ग्लोबल टास्क फोर्स के गठन की भी मांग करेगा, ताकि समय रहते हुए लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके। राष्ट्रीय स्तर पर सत्यार्थी आंदोलन बच्चों से संबंधित लक्ष्यों को समय पर पूरा करने और जवाबदेही तय करने के लिए अंतर-मंत्रालयीय टास्कत फोर्स के गठन की भी मांग करेगा। यह आंदोलन दुनियाभर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने और सभी हितधारकों के बीच तात्कालिकता की भावना पैदा करने की भी वकालत करेगा, ताकि आने वाले दिनों में बच्चों को विकास के एजेंडे से दूर न रखा जा सके।

बच्चों के ऑनलाइन यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई सत्यानर्थी आंदोलन की प्राथमिकता में शामिल होगी। इस अपराध को रोकने के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय कानून की मांग उठाई जा रही है। गौरतलब है कि श्री सत्यार्थी द्वारा की जा रही इस मांग के समर्थन में कई वैश्विक नेता, धर्मगुरु, राजनयिक, राज्य प्रमुख आदि आगे आ रहे हैं। इसमें पोप फ्रांसिस भी शामिल हैं।
भारत में, बच्चों की सुरक्षा के संदर्भ में बजटीय आवंटन बढ़ाने की मांग पर मुख्य ध्यान दिया जाएगा। 12वीं तक पढ़ने वाले बच्चेद विशेषकर लड़कियों की नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का विस्तार किए जाने की मांग की जाएगी। उन बच्चों के पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिन्हें बाल दासता से मुक्ती कराया गया है।

इस अवसर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्रके सदस्य सचिव डॉ० सच्चिदानंद जोशी ने कहा, “नोबेल शांति पुरस्कार से सम्माानित श्री कैलाश सत्यार्थी की मेजबानी करना हमारे केंद्रके लिए सम्मान की बात है। बच्चों  के अधिकारों के लिए श्री सत्याार्थी जिस समर्पण और निष्ठाक भाव से अथक श्रम कर रहे हैं वे हमारे लिए प्रेरणा का हेतु है और उनके इस सरोकार के साथ जुड़ने पर हम अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।”
बच्चों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार घोषणा की पाँचवीं वर्षगांठ के अवसर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में एक सप्ताह तक चलने वाली फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रसिद्ध लोक गायिका श्रीमती मालिनी अवस्थी और प्रख्यात हिंदी कवि डॉ० कुमार विश्वास ने किया। प्रदर्शनी 10 से 16 अक्टूबर (सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे) तक लगाई जाएगी।

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