बाल श्रम के खिलाफ राष्ट्रीय पंचायत’ में बच्चों ने जारी किया मांगों का घोषणापत्र


नई
दिल्ली/ टीम डिजिटल। बालश्रम के खिलाफ मुहिम चलाने वाली संस्था कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के साथ मिलकर बच्चों के समूह ने अब स्वयं अपने अधिकारों की लडाई को बुलंद करते हुए पंचसूत्री मांगों का घोषणाप़त्र जारी किया है। बालश्रम और बच्चों की खरीदफरोख्त को जड से मिटाने के संकल्प के तहत बच्चों और संस्था ने केंद्र की नई सरकार से सख्त तरीके से कानूनों को लागू करने और त्वरित कार्रवाई की पुरजोर मांग की है। बच्चों के अधिकारों की लडाई के लिए समर्पित एवं नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी की संस्था कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के सदस्यों और बच्चों के समूह ने देशभर में बालश्रम की स्थिति पर चिंता व्यक्त व्यक्त करते हुए इस मुददे को सरकार की प्रस्तावित 100-दिवसीय कार्य योजना प्राथमिकता देने की मांग की है। इस संदर्भ में संस्था की ओर से “बाल मजदूरी के विरुद्ध राष्ट्रीय पंचायत का आयोजन किया गया। आयोजन में बाल पंचायत के नेताओं ने नए भारत के निर्माण के लिए बच्चों के जीवन को बेहतर, सुरक्षित और स्वस्थ बनाने को जरूरी बताया और इसके लिए अपनी मांगों की एक सूची भी जारी की। उन्होंने जो सूची जारी की, वे इस प्रकार हैं :
ग्राम पंचायतों में बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित कराने हेतु बाल पंचायत का गठन किया जाए। पंचायत में विलेज माइग्रेशन रजिस्टर बनाया जाए। बच्चों के मुद्दों पर बात करने के लिए वर्ष में दो बार ग्राम सभा की विशेष बैठक बुलाई जाए। 12वीं कक्षा तक लड़कियों के लिए मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा हेतु ग्राम पंचायतों के लिए विशेष योजना शुरू किया जाए। स्कूलों से बच्चों का ड्रॉपआउट न हो, ग्राम पंचायतें इसको सुनिश्चित करें।

इस अवसर पर नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित श्री कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि बाल मजदूरी के विरुद्ध राष्ट्रीय पंचायत ‘सुरक्षित बचपन, सुरक्षित भारत’ बनाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की द्योतक है। इस मिशन को साकार करने के लिए हम पिछले चालीस सालों से अथक संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन इस अवसर पर हमारी जो यह पहल है, उन रणनीतियों को तैयार करने की तत्काल आवश्यकता पर बल देती है जो बाल मजदूरी और बच्चों की खरीदफरोख्त को समाप्त करने का काम करेंगी।” उन्होंने कहा, “इन मुददों को मुखर रूप से उठाने लिए हमने अपने सभी हितधारकों, नीति-निर्माताओं, सिविल सोसायटी संस्थाओं, कॉरपोरेट घरानों और न्यायपालिका तक पहुंचने के लिए ऐसे मंच का निर्माण किया है। इस मंच के जरिए मांगों की एक ऐसी सूची पेश की गई है, जो हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने में हम सभी की मदद कर सकती है।

 

 

 

 

 

 

 

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