COVID19 Help : स्वीडन कोविड-19 संकट के दौरान भारत को दे रहे हैं सहयोग

ID

नई दिल्ली। टीम स्वीडन जिसमें स्वीडन सरकार, स्वीडन उद्योग, कारोबार एवं एजेन्सियां शामिल हैं- ने मौजूदा कोविड1-19 महामारी से लड़ने के लिए भारत की मदद हेतु हाथ बढ़ाए हैं। अम्बेसडर क्लास मोलिन के अनुसार, ‘‘कोविड की दूसरी लहर तबाही मचा रही है, और तकरीबन हर व्यक्ति के घर तक पहुंच रही है। यह मानवता पर बड़ा संकट है, जिसका समाधान निकालना जल्द से जल्द ज़रूरी है। हम भारत में अपने सभी साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। यह देखकर अच्छा लगता है कि सरकार से लेकर बड़ी कंपनियां, आम लोग और स्वीडन में भारतीय समुदाय तक सभी इस दृष्टि से सकारात्मक बदलाव लाने में योगदान दे रहे हैं!’’

भारत में तकरीबन 220 स्वीडिश कंपनियां हैं जो 200000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं 2,200,00 लोगों को अप्रत्यक्ष रोज़गार देती हैं। देश की अन्य कंपनियों की तरह तकरीबन हर कंपनी ने कोविड के कारण अपने कर्मचारियों और परिवारजनों को खोया है।

स्वीडिश चैम्बर ऑफ कॉमर्स इंडिया ने एक अनूठी पहल क्राफ्टसमला का लॉन्च किया है (स्वीडिश में इसका अर्थ है बलों में शामिल होना)। इस पहल के तहत स्थानीय रूप से ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं जो जीवन बचाने, आजीविका, बीमारी की रोकथाम और भविष्य के निर्माण के लिए कारगर हों। स्वीडन की कंपनियां स्थानीय स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए स्थानीय अस्पतालों को मेडिकल उपकरण जैसे वेंटीलेटर, ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर आदि मुहैया करा रही है, तथा कोविड-केयर सुविधाओं की स्थापना कर रही हैं।

‘भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर तेज़ी से फैल रही है और भयावह रूप ले चुकी है। जिसके चलते प्रशासन एवं स्वास्थ्यसेवा प्रणाली पर दबाव बढ़ गया है। ऐसे में स्वीडन की कंपनियों द्वारा यह सहयोग अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण है, जो कर्मचारियों, उकने परिवारों और समुदायों के जीवन एवं आजीविका में मददगार साबित होगा। स्वीडन की कंपनियां कोविड केयर सेंटरों के निर्माण, ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर के निर्माण, टीकाकरण अभियान में सक्रिय हैं, तथा स्थानीय प्रशासन को पूरा सहयोग प्रदान कर रही हैं।’ श्री कमल बाली, मैनेजिंग डायरेक्टर, वॉल्वो इंडिया, चेयरपर्सन-एससीसीआई ने कहा।

स्वीडिशन चैम्बर प्रवासी मजदूरों, महिलाओं और बच्चों की आजीविका संबंधी मुद्दों तथा मानसिक स्वास्थ्य एवं ट्रॉमा काउन्सलिंग पर भी काम कर रहा है।

जहां एक ओर चैम्बर भारत में प्रयासों का प्रबन्धन करता है, वहीं स्टॉकहोम में स्वीडन इंडिया बिज़नेस काउन्सिल स्वीडिश कारोबारों के मुख्यालय के साथ तालमेल में काम करता है। रोबिन सुखिया, महासचिव, एवं एसआईबीसी के अध्यक्ष के अनुसार स्वीडर उद्योग ग्रामीण एवं शहरी भारत में चिकित्सा आपूर्ति, वितरण, चिकित्सकीय देखभाल के लिए सहयोग प्रदान करेगा। ये प्रयास भारतीय एनजीओ जैसे प्रथम, भारतीय रैड क्रॉस सोसाइटी, डॉक्टर विदाउट बॉर्डर्स आदि के साथ स्वीडिशन एवं इंटरनेशनल संगठनों के सहयोग से किए जाएंगे। अब तक भारत के बाहर 43 MSEK (5.2 MUSD) राशि जुटाई जा चुकी है।

‘भारत के इस मुश्किल समय में स्वीडिशन उद्योग से मिला सहयोग उल्लेखनीय है। कंपनियां और उनके मुख्यालयों को चिकित्सा सेवाओं में सहयोग के लिए अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।’ श्री मार्कस वॉलेनबर्ग, चेयरमैन, एसईबी ने कहा।

स्वीडन ने भारत को 200 ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर दिए हैं। स्वीडन, भारतीय रैड क्रॉस को आईएफसीआर के माध्यम से सहयोग देता है। वर्तमान में आईएफसीआर को स्वीडन की ओर से 70 मिलियन SEK का सहयोग मिला है।

स्वीडन इन्टरनेशनल वैक्सीन अभियान कोवैक्स में योगदान देने वाला चौथा सबसे बड़ा देश है,जिसने कोवैक्स के लिए वैक्सीन की 1 मिलियन डोज़ेज़ के लिए अतिरिक्त सहयोग दिया है। भारत कोवैक्स में हिस्सा लेने के लिए योग्य है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.