साइबर रेसिलिएंस समिट में भारत पर चर्चा

नई दिल्ली। एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स (एसोचैम) के साइबर रेसिलिएंस समिट में भारत की सारबर सुरक्षा पर चर्चा हुई। इस चर्चा में सरकार, एसोचैम, साइबर सुरक्षा सेल, अर्नेस्ट एंड यंग और दुनिया के अग्रणी साइबर सिक्योरिटी ब्रांड कासपर्सकी लैब के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
टीम कासपर्सकी का नेतृत्व श्री स्टीफन न्यूमियर, मैनेजिंग डायरेक्टर, कासपर्सकी लैब (एपीएसी) और श्री श्रेनिक भयानी, जनरल मैनेजर कासपर्सकी लैब (दक्षिण एशिया) ने किया। श्री न्यूमियर ने अपने संबोधन में साइबर खतरे के अधिक जटिल और विनाशकारी होने जैसे मौजूदा मुद्दों पर बात की। पिछले कुछ महीनों में सरकार एवं उद्यमों को निशाना बनाकर किए गए हमलों की संख्या और इनके दायरे दोनों में वृद्धि हुई है। इसका गहरा प्रभाव संस्थाओं की प्रतिष्ठा, राजस्व, संचालन और ग्राहकों पर पड़ा है। पिछले साल साइबर सुरक्षा में सेंध, दुर्भावनापूर्ण रैनसमवेयर और आर्थिक जासूसी से जुड़े कई मामले हमारे सामने आए थे। स्टीफन न्यूमियर ने कहा कि साइबर सुरक्षा उद्योग में कासपर्सकी लैब सबसे आगे मौजूद है। कासपर्सकी ने उद्योग में सबसे पहले ग्लोबल ट्रांसपेरेंसी सेंटर जैसी पहल शुरू की, यह कदम साइबर सुरक्षा के लिए हमारी मजबूत प्रतिबद्धता और लगन को दर्शाती है।
श्रेनिक भयानी ने कहा कि साइबर रेसिलिएंस समिट में एसोचैम के साथ भागीदारी करने पर कासपर्सकी बेहद रोमांचित है। कासपर्सकी के शोधकर्ता इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए दुनिया भर से इसलिए आए हैं, ताकि वे हमें यह बता सकें कि दुनिया में साइबर सुरक्षा का युद्ध किस प्रकार लड़ा जा रहा है और भारत किस तरह इसके लिए तैयारी कर सकता है।

 

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