नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक बार फिर शिक्षा क्षेत्र पर खासा फोकस किया है। दिल्ली विधानसभा में पेश बजट में जहां एक ओर दिल्ली की आबोहवा को स्वच्छ रखने पर जोर दिया गया है, वहीं शिक्षा के क्षेत्र में भी बेहतर करने की कोशिश की गई है। दिलचस्प बात यह कि पिछले चार साल की तरह इस साल भी सरकार शिक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करेगी। इसमें खास जोर बच्चों के कौशल विकास पर है। इसके साथ ही दिल्ली को पेयजल के मसले में आत्मनिर्भर बनाने का खाका भी सरकार ने पेश किया है। दिल्ली सरकार पिछले चार साल से पूरे बजट का करीब एक चैथाई हिस्सा शिक्षा पर खर्च कर रही है। आगामी वित्त वर्ष के लिए भी 26 फीसदी हिस्सा शिक्षा पर खर्च करने का प्रस्ताव है। वहीं, बजट का 12.4 फीसदी खर्च स्वास्थ्य पर किया जाएगा। इसमें अस्पतालों के बेड बढ़ाने, नए अस्पतालों के निर्माण व पुराने के विस्तार पर जोर रहेगा। वहीं, परिवहन के क्षेत्र में 4,000 नई बसें लाने व मेट्रो फेज चार के लिए 500 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव सरकार ने किया है।
दिल्ली के बजट से शिक्षा के क्षेत्र में 26 प्रतिशत खर्च होगा। 13997 करोड़ रुपये शिक्षा क्षेत्र को दिया जाएगा। जाहिर है इससे बुनियादी ढांचा, नए क्लास, स्कूल, खेल के मैदान, शौचालय, सफाई इत्यादि पर खर्च होगा। सदन में बताया गया कि दिल्ली सरकार अगले साल से ’हैप्पीनेस’ का पाठ्यक्रम ला रही है। इससे बच्चों का तनाव कम करने और रचनात्मकता में बढ़ाने में मदद मिलेगी। हम सरकारी स्कूलों में अभिभावक वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम एजुकेशन के माध्यम से प्रेशर बना रहे हैं। ये हर किसी को सोचने की जरूरत है। इसके लिए हैप्पीनेस का पाठ्यक्रम होगा। मिशन बुनियाद के नाम से नया क्रायक्रम शुरू होगा। छुट्टियों के दौरान निगम और राज्य के स्कूलों के बच्चों को रीडिंग और मैथ्स पर काम कराया जाएगा। सभी स्कूल अध्यापकों को टैब दिया जाएगा, ताकि वे बच्चों का रिकॉर्ड रख सकें। सरकारी स्कूलों में लड़कियों की सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग के लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है। स्कूलों में खेलो और तरक्की करो कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसमें 14 साल तक के बच्चों को शामिल किया जाएगा। वहीं मिशन एक्सेलेंस के तहत खेलों में होनहार किसी भी उम्र के बच्चों को आर्थिक सहायता दी जाएगी। इन दोनों कार्यक्रमों के लिए 3500 करोड़ का प्रावधान है।
बता दें कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में शिक्षा क्षेत्र को 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि आवंटित की है। वित्त वर्ष 2019-20 का बजट 26 फरवरी को विधानसभा में पेश किया गया। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट संबोधन में कहा कि शिक्षा क्षेत्र को कुल बजट का करीब 26 प्रतिशत आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले सालों में शिक्षा क्षेत्र को बजट आवंटन करीब कुल बजट का 24-25 प्रतिशत हुआ करता था। बजट में घोषित विभिन्न मुहिमों में उद्यमिता योजनाओं के लिये आवंटन, पारिवारिक व्यवसाय के पाठ्यक्रम की शुरुआत, बजट में घोषित विभिन्न मुहिमों में उद्यमिता योजनाओं के लिये आवंटन, पारिवारिक व्यवसाय के पाठ्यक्रम की शुरुआत, शिक्षक प्रशिक्षण विश्वविद्यालय की स्थापना और एक अप्लायड साइंस विश्वविद्यालय का निर्माण शामिल है।
इसके साथ ही मनीष सिसोदिया ने कहा कि डिजिटल शिक्षा योजना की शुरुआत की जाएगी, जिसमें विद्यार्थियों को टैबलेट दिए जाएंगे। इसके लिए करीब नौ करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है। दसवीं में 80 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले विद्यार्थियों को टैबलेट दिए जाएंगे। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी सरकार ने नए वित्त वर्ष के लिए कुल 60 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। सिसोदिया ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस बार के बजट में सरकार ने करीब 13.21 फीसदी की बढ़ोतरी की है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अनुमानित 60 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है, जो 2014-15 के बजट की तुलना में दो गुणा है। एक साल पहले वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 53 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था।