नई दिल्ली। आज के जमाने में खासकर एकल परिवार के चलन के दौर में मां पर घर की दोहरी जिम्मेदारी होती है। वह कामकाजी भी होती हैं और ठीक उसी वक्त हाउसवाइफ भी होती हैं। उन पर स्ट्रेस ज्यादा होता है। मदर्स डे वह मौका होता है, जब हम समाज के तौर पर परिवार में मां के योगदान को सराहें और बच्चों को इसका महत्व समझाएं। इसलिए इस मदर्स डे के अवसर पर रविवार को गरीब बच्चों की मुफ्त शिक्षा के लिए आंदोलनरत दि ओम फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्षा सूर्यपुत्र रश्मि मल्होत्रा ने नारायणा विहार सेवा बस्ती के बच्चों के बीच जाकर उन्हें जन्म देनेवाली मां एवं भारत माता के महत्व के बारे में समझाया। उन्होंने बताया कि जीवन को संवारने में जन्मदात्री मां का अतुलनीय योगदान है, जबकि भारत माता के स्वाभिमान की रक्षा के बिना जीवन के कोई मायने ही नहीं रह जाएंगे। इसलिए घर में मां के काम में हाथ बंटाएं और बाहर भारत माता का स्वाभिमान कम नहीं होने दें। चूंकि स्कूल में नई क्लासेज शुरू हो गई हैं, इसलिए सूर्यपुत्री, जो कि इन बच्चों के लिए ओम पाठशाला चलाती हैं, ने बच्चों को नए स्कूल बैग एवं पाठ्य सामग्री दी, ताकि उनकी पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सरदार रूपक करवाल, एडवोकेट सिद्धार्थ सच्चर एवं अरुण कुमार ने अहम योगदान दिया।