डॉ. के.के अग्रवाल के नेतृत्व में झूठी स्वास्थ्य खबरों का पर्दाफाश करने के लिए मंच का शुभारंभ

नई दिल्ली। जैसा कि कोविड -19 महामारी ने दुनिया को अपनी गिरफ्त में जकड़ के रखा हुआ है, एक विषय के रूप में स्वास्थ्य ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है । इतना तो अवश्य ही हो गया है कि इसकी वजह से हर जगह चर्चा और बातचीत, विशेष रूप से डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर बातचीत की जा रही है।

जहां एक तरफ सोशल मीडिया स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को साझा करने और उसका उपयोग करने के लिए एक बहुत ही शक्तिशाली माध्यम रहा है, वहीं दूसरी तरफ इसने फर्जी और झूठी सूचनाओं, गलत आंकड़ों और कई बार प्लेटफार्मों के माध्यम से प्रिस्क्रिप्शनल समाधानों का गलत दिखाया है।देश में इंटरनेट की पैठ बढ़ने और इन प्लेटफार्मों का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या बढ़ने से एक-दूसरे के साथ संचार और सूचना साझा करना आसान हो गया है और इसके उपयोग के साथ साथये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हेल्थ की फेक न्यूज़ को प्रीपोस्ट करना, बढ़ा-चढ़ा कर बताना शामिल है जो बेहद खतरनाक भी है ।

इस खतरे को समाप्त करने के लिए, प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. के.के. अग्रवाल के कुशल मार्गदर्शन में ‘हेल्थ पैट्रोल इंडिया’ नामक एक मंच शुरू किया गया है। डॉ. के.के.अग्रवाल हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (HCFI) के वर्तमान अध्यक्ष और भारतीय चिकित्सा संघ के पूर्व-राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने इन्टरनल मेडिसिन, कार्डियोलॉजी, संक्रामक रोग, डायबिटीज़ और एंडोक्रिनोलॉजी जैसी चिकित्सीय विशिष्टताओं के एक अनुभवी डॉक्टरों के साथ मिलकर एक टीम बनाई है, जो शोध और प्रामाणिकता की जांच करने के लिए ज़रुरी ज्ञान और विशेषज्ञता प्रदान करेंगे।

ऐसी सभी खबरों की सच्चाई की जांच करने के लिए सभी को हेल्थ पैट्रोल हेल्पलाइन नंबर +91 7428098883 पर व्हाट्सएप के माध्यम से या सोशल मीडिया पेजों और हेल्थ पैट्रोल की वेबसाइट के माध्यम से प्राप्त यूआरएल को साझा करना होगा और टीम रिक्वेस्ट मिलने के कुछ दिनों के भीतर पोस्ट वेलिडेशन को वापस कर देगी।मान्यता प्राप्त जानकारी न केवल भेजने वाले के साथ साझा की जाएगीबल्कि लोगों के फायदे के लिए ऑनलाइन पोस्ट की जाएगी । इस मंच का विज़न सच्ची स्वास्थ्य खबरों पर अधिकार बनाना है, जिस पर लोग भरोसा कर सकते हैं और फर्ज़ी समाचारों को समाप्त कर सकते हैं।फर्जी खबरों की तरह ही, फर्ज़ी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी बहुत जल्दी फैलती है।इसलिए, एक ऐसा स्रोत स्थापित करने की आवश्यकता है जो लोगों को सही जानकारी के साथ सशक्त बना सके जो डॉ.गूगलद्वारा सभी गलत सूचनाओं का अंत भी कर देगा ।

इस पहल पर, पद्म श्री अवार्डी डॉ. के.के अग्रवाल, प्रेसिडेंट हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (HCFI) और कन्फेडरेशन ऑफ एशिया एंड ओशिनिया (CMAAO)ने कहा,“जैसा कि किसी ने हेल्थ इंडस्ट्री में बड़े पैमाने पर काम किया है, यह पहल मेरे दिल के करीब है क्योंकि इसका उद्देश्य सही जानकारी देकर लोगों को सशक्त बनाना है ताकि वे गलत और फर्ज़ी स्वास्थ्य सुझावों और सिफारिशों के शिकार होने से बच सकें, जो भविष्य के लिए देश में एक बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को सक्षम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।हालांकि, इसके सफल होने के लिए मैं सभी से आग्रह करूंगा कि इस मंच का अधिक से अधिक उपयोग करें ताकि स्वास्थ्य खबरों और समाचारों की अधिक से अधिक तथ्यता से जांच हो सके। ”

हेल्थ पैट्रोल लोगों के लिए मददगार साबित होगा जो स्वास्थ्य से जुड़ी खबरों या सोशल मीडिया को आगे बढ़ाने के लिए सहयोगी होगा।इस तरह के एक मंच की भूमिका झूठी स्वास्थ्य खबरों का पर्दाफाश करने के लिए होगी, जो अनुसंधान के माध्यम से इसकी सत्यता की जांच करके और पब्लिक डोमेन को सौंपकर खबरों के माध्यम से जारी करके किया जाएगा।

यह गलत सूचना और अफवाहों को कवर करता है जो वायरल हो जाते हैंऔर अक्सर खतरनाक परिणाम पैदा कर सकते हैं। इन खबरों के फैलने से जो नुकसान होता है, उसे एक रूप से खतरनाक महामारी के रूप में देखा जा सकता है।लहसुन और सिरका से, कोविडके इलाज के दावों को बहुत तेज़ी के साथ प्रसारित करके दिखाया गया है जो बहुत नुकसानदेह हैं।

 

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