सब्जियों की खरीद-फरोख्त

शायद आपका सब्जियां की खरीदारी से आपका कोई लेना-देना नहीं। तभी आप बिना क्वालिटी जांचे सब्जी औने-पौने दाम पर खरीद लेती हैं। ऐसे में होती है पैसे की बर्बादी और पौष्टिक तत्व मिलते हैं शून्य। अगली बार सब्जी काॅलोनी के गेट या सब्जी मंडी से खरीदें, पर समझदारी से। सिर्फ सब्जियों की चमकदार परत पर ना जाएं।

आलू

आलू हमेशा कडा लें। आलू पर कच्चेपन के हरे निशान नहीं होने चाहिए। या यूं कहें कि हर आलू की, ऊपरी सतह चिकनी हो, टूटी हुई त्वचा वाले न लें। यह भी ध्यान रखें कि उनमें  अंकुर निकले हुए न हों।

प्याज

प्याज ऐसी सब्जी जिसे एक महीना तक स्टोर किया जा सकता है।  लहसुन की तरह प्याज भी एकदम सख्त, सूखे व ऊपरी छिलका थोड़ा चिकना होना चाहिए।

लहसुन

यह ऐसी सब्जी जिसे आप महीने भर तक स्टोर कर सकते हैं। लहसुन की  बाहरी परत एकदम सूखी हो। हाथ लगाकर उसकी गांठ पहचानें कि एकदम सख्त हो और थोड़ी गोलाई लिए हुए हो।

धनिया पत्ती व मेथी

हरे पत्ते वाली सब्जी सिर्फ उसके हरे रंग के आधार पर नहीं खरीदें। प्राथमिकता रहे कि पत्तियां मुलायम  हांे। सड़ी व मुरझाई हुई पत्तियों से महक नहीं आएगी। बहुत गीली गड्डियां भी न लें, क्योंकि इनमें काफी पानी रहेगा और ये जल्दी गल जाएंगी। इन्हें  हमेशा कागज में लपेटकर रखें।

पत्तागोभी व फूलगोभी

गोभी की खरीदारी में पैनी नजर न होने पर गोभी में शुमार बारीक कीडे आपकी सब्जी मेें पक जाएंगे। गोभी पत्तागोभी हो या फूल गोभी। दोनों ही छोटी, गठी और गोल होनी चाहिए। ध्यान रहे कि गोभी में बारीक छिद्र न हों। छिद्र का मतलब है कीडे।

मटर

मटर की खरीदारी सिर्फ गहरे रंग को देखकर नहीं करें। हरी मटर पौष्टिक गुणों से भरपूर हो इसके लिए मीठी, नरम हरी मटर खााएं। उम्दा हरी मटर वही जिसकी फलियां थोड़ी नरम, मुलायम हो और उनका  रंग सुनहरा हरा हो।

पालक

पालक की लंबाई छोटी होनी चाहिए। पालक की गठठी की प्रत्येक पत्ती साफ व गहरे हरे रंग की होनी चाहिए। प्रत्येक पत्ती में किसी भी प्रकार का छेद नहीं होना चाहिए।

चुकंदर

असल में चुकंदर की खरीदारी उसके गहरे रंग  व पतली बैंगनी परत को देखते हुए करें। साथ ही ध्यान रखें कि चुकंदर की पतली बैंगनी ऊपरी परत कटी-फटी हुई न हो।

नींबू

रसदार नीबू के लिए उसका आकार में बडा, चिकना व पतले छिलका होना नितांत आवश्यक है।

टमाटर

टमाटर के बिना किस प्रत्येक टमाटर गोल, मोटा हो। टमाटर सख्त होगा तो ग्रेवी खटटी व कम रसीली बनेगी। सबसे अहम हैो टमाटर पिलपिले न हों।

मशरूम

बाजार में मिलने वाले मशरूम  के पैकेट को यूंही नहीं खरीदें। ध्यान से देखिए मशरूम सखत न हो, नरम हों। इसके अलावा मशरूम एक जैसे हों, सभी चिकनें हों और सभी साफ-सथरे भी हों।

 फलियां

फली चाहे लोबिया की हो या ग्वार की। हमेशा फली हरी-हरी कच्ची फलियां लें। हाथ लगाकर स्पर्श करें। अगर उनमें बीजों की गोलाई महसूस हो तो न लें। बीजों वाली फलियां बेस्वाद बनती हैं।

भिंडी

छोटी-छोटी लंबाई वाली भ्ंिांडी खरीदें। बहुत अधिक हरी भिंडी न खरीदें। बहुत ज्यादा हरा रंग केमिकल द्वार किया भी हो सकता है। भिंडी कहीं से कटी-फटी या दाग वाली नहीं होनी चाहिए।

तुरई

ऊपर का छिलका बहुत ज्यादा कांटेदार न हो और न ही उन पर काले निशान हों। ज्यादा मोटी भी न लें, क्योंकि फिर उसमें अंदर बहुत बीज व रेशे होंगे।

लौकी

अगली बार लौकी की क्वालिटी अच्छी होगी, तो लौकी को देखकर नाक-मुंह नहीं सिकौडेगा।  लंबाई लिए हुए पतली लौकी का चुनाव करें। जिसका छिलका हलके हरे रंग का हो और थोड़ी चिकनाई लिए हुए हो।

 

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