नेता नहीं, बेटा हूं मैं : विभय कुमार झा

मधुबनी। स्वयंसेवी संस्था अभ्युदय के राष्ट्रीय अध्यक्ष विभय कुमार झा ने कहा कि में सामाजिक कार्य में लगा हुआ है, नेतागिरी नहीं कर रहा हूं । मैं अपने गांव, अपने जिले, मिथिला का बेटा हूं। जो समाज का है, वही तो सबका है। उन्होंने कहा कि मिथिला में पुरानी कहावत है कि बेटा तो समाज का होता है। मेरे परिवार ने भी मुझे यही संस्कार दिया है। मेरे पिताजी ने हर पल यही एहसास कराया है कि अपना जीवन समाज के लिए दो। समाज के उत्थान में ही सबका विकास है।

एक सवाल के जवाब में विभय कुमार झा ने कहा कि मेरे पिताजी बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। यह मेरे लिए गर्व की बात है। उन्होंने मुझे हर पल यही शिक्षा दी है सबको साथ लेकर चलो। समाज में ही संस्कार निहित है। इसलिए मैं अपने संस्था अभ्युदय के माध्यम से अभी मिथिला के कई गांवों में सेवा कार्य में लगा हुआ है। इस संस्था की स्थापना मेरे पिता श्री विनोद नारायण झा ने वर्ष 1996 में की थी। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि उसी अभ्युदय के माध्यम से मैं समाजकार्य में लगा हुआ हूं।

विभय झा ने कहा कि यह सच है कि बिहार में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव एक राजनीतिक प्रक्रिया है। मैं विशुद्ध रूप से सामाजिक कार्य कर रहा हूं। राजनीती के लिए अभी मेरा सारा जीवन बचा हुआ है I विशेषकर हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने सक्रिय राजनीती के लिए 75 वर्ष की उम्र सीमा तय किया है अभी तो मैंने 40 को भी पार नहीं किया है I इसलिए मुझे राजनीती में लम्बी पारी खेलनी है I नेता तो पिताजी हैं I पिताजी राजनीति में अपने बूते सशक्त हैं। मिथिला की उर्वर धरती ने उन्हें संवारा है। मैं अपने पिताजी के बताए रास्तों पर चलकर समाज से जुडा हूं। दिल्ली में रहकर भी सामाजिक हित के लिए कार्य करता रहा। अभी बिहार में हूं। आने वाले समय में यदि किसी दूसरे प्रदेश में काम करने का अवसर मिलेगा, तो मैं वहां के लोगों के हित के लिए अपना योगदान दूंगा। उन्होंने कहा कि भाजपा का कार्यकर्ता हूं। संघ से दीक्षा लेने के कारण स्वयंसेवक भी हूं। संघ के संपर्क में आने पर समाजसेवा का भाव और प्रबल हुआ है।

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