देखना हो डकैतों के आतंक और ताकत को, तो ये शो है आपके लिए 


मुंबई। पिछले कई सालों में हम लोगों ने अनेकों भारतीय डकैतों के उत्थान और पतन को देखा है, जिनका आतंक और दबदबा देशभर में सुर्खियाँ बटोरता था। लोगों के दिमाग में इनकी लोकप्रियता के चलते कई निर्देशकों ने पर्दे पर इन कुख्याोत आइकन की कहानियों को प्रस्तुथत किया है, चाहे वह फूलन देवी हो, चंदन तस्कर वीरप्पन हो, डाकू पान सिंह तोमर हो, सोनचिरिया – चंबल घाटी पर आधारित डाकूओं का ड्रामा या अब चित्रकूट के ददुआ डकैत की कहानी। यहाँ अवश्यी देखने लायक ऐसे 5 शोज और फिल्मों के बारे में बताया जा रहा है, जिनमें हमारे देश में डाकूओं की ताकत और दबदबे का चित्रण किया गया है और ये शोज/फिल्मेंं उनकी कहानियों को खूबसूरती से पर्दे पर पेश करते हैं:

 1. पान सिंह तोमर: तिगमांशु धुलिया द्वारा निर्देशित जीवनी संबंधी फिल्म जिसमें मुख्य किरदार निभाया है स्वर्गीय इरफान खान ने-यह एक एथलीट के जीवन पर आधारित है जो भारतीय सेना में एक सैनिक बनता है लेकिन हालात उसे व्यवस्था के खिलाफ विद्रोह करने पर मजबूर कर देते हैं। इस फिल्म में बाग़ी बनने की उसकी यात्रा को दर्शाया गया है कि किस प्रकार वह अपने भाई की मौत का बदला लेने हेतु अपने गिरोह के लिए पैसा इकट्ठा करने के लिए वसूली, हत्या और इलाके के अमीर व्यापारियों के अपहरणों का सिलसिला शुरु कर देता है। समीक्षकों द्वारा सराही गई इस फिल्म में माही गिल, विपिन शर्मा, इमरान हसनी, नवाज़ुद्दीन सिद्दिकी ने भी अहम भूमिकाएँ निभाई हैं।

2. बीहड़ का बाग़ी: एमएक्स प्लेयर पर हाल ही में रिलीज़ की गई यह सीरीज़ सत्य घटनाओं से प्रेरित है। 1998 की पृष्ठभूमि वाली यह कहानी है शिव कुमार की- उसके विद्रोह की और उसके बाद चित्रकूट और बुंदेलखंड में एक खूंखार डाकू के तौर पर उसके आतंक की। परिस्थितियों ने उसे एक डाकू के तौर पर अपराध की ज़िंदगी चुनने के लिए मजबूर कर दिया- लेकिन इसमें भी बहुत बड़ा फर्क था। एक आधुनिक रॉबिनहूड या दद्दा के तौर पर पहचाने जाने वाला डाकू, जिसे गरीबों का मसीहा कहा जाता था। उसके साहस और दृढनिश्चय ने उसे एक शक्तिशाली इकोसिस्टम बनाने में मदद की जिसके आगे पुलिस, प्रशासन और यहाँ तक की सबसे शक्तिशाली राजनीतिक नेता भी उसके अधीन हो गए। यह सीरीज़ रितम श्रीवास्तव द्वारा निर्देशित की गई है और बहुत बारीकी से उस दौर की कहानी बयाँ करती है जिसके बारे में हमने केवल सुना है। • ट्रेलर यहाँ देखें –

https://bit.ly/BeehadKaBaghiTrailer•

शो यहाँ देखें –  https://bit.ly/BeehadKaBaghi

3. बैंडिट क्वीन: देश की सबसे बड़ी सुपरहिट फिल्मों में से एक, यह फिल्म फूलन देवी की जीवनी पर आधारित थी और इसे शेखर कपूर ने निर्देशित किया था। इस फिल्म में फूलन देवी, निचली जाति की एक महिला, पर हुए लैंगिक अत्याचार और समाज में हुए बहिष्कार को और किस तरह विक्रम मल्लाह के नेतृत्व में आखिरकार अपना खुद का एक गिरोह तैयार करती है, उसके जीवन की इस पूरी कहानी को दर्शाया गया है। इस फिल्म में एक नारी की शक्ति को दर्शाया गया है और बताया है कि जब लोगों को बहुत ज़्यादा शोषित और मजबूर कर दिया जाता है तो वे किस हद तक जा सकते हैं, जो ज़्यादातर डाकूओं की कहानी है।

4. वीरप्पन: राम गोपाल वर्मा द्वारा निर्देशित यह फिल्म साल 2016 में रिलीज़ हुई थी। फिल्म में डाकू और तस्कर वीरप्पन के जीवन और उन घटनाओं को दर्शाया गया है जिसके कारण उसे पकड़ने और मारने के लिए ऑपरेशन कुकून शुरु किया गया था। एक कुख्यात शिकारी, चंदन लकड़ी का तस्कर और भारत के सबसे बड़ा डाकू वीरप्पन ने लगातार सरकार, शक्तिशाली और सैनिक बलों के लिए उपद्रव खड़ा किया – और देश में सबसे खूंखार नामों में से एक बन गया। वीरप्पन की तलाश में कई साल लगाने के बाद, हथियारों का सौदा करने वालों के भेस में एक एसटीएफ टीम ने उसे ढूंढा और उसे जान से मार गिराया। उसकी जीवनशैली और किस प्रकार इस डाकू को टीम द्वारा ढूंढ़ा जाता है, इसे फिल्म में प्रमुखता से दिखाया गया है।

5. सोनचिरिया: अभिषेक चौबे द्वारा निर्देशित ‘सोनचिरिया’ चंबल घाटी के तट पर डाकूओं पर आधारित कहानी है। इस फिल्म में स्वर्गीय सुशांत सिंह राजपूत, भूमि पेडनेकर, मनोज बाजपेयी, रणवीर शौरी और आशुतोष राणा प्रमुख भूमिका में नज़र आए। यह फिल्म सत्य घटनाओं से प्रेरित है और इसकी पृष्ठभूमि उस समय की है जब इंदिरा गांधी ने देश में ‘इमरजेंसी’ की घोषणा कर दी थी। एक ऐसी कहानी जो कुछ भगोड़ों के जीवन को दर्शाती है जो जीवित रहने की अंतिम कोशिश में लगातार मुश्किल हो रहे सामाजिक और राजनीतिक माहौल से भागे हुए हैं। जबकि अन्य पात्र काल्पनिक है, वहीं मनोज बाजपेयी ने डाकू मान सिंह का किरदार निभाया है, जो वास्तविक जीवन के डकैत ‘मान सिंह’ पर आधारित है।

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