‘नशा करने वाले लोगों के मानवाधिकार’ पर संवाद का आयोजन

नई दिल्ली। इंडिया एचआईवी एड्स एलायंस ने ‘अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस’ के उपलक्ष्य में कंस्टीट्यूशन क्लब में ‘नशा करने वाले लोगों के मानवाधिकार’ विषय पर एक खुले और परस्पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें ‘हार्म रिडक्शन एडवोकेसी प्रोजेक्ट’ के तहत इंजेक्शन के जरिये नशा करने वाले लोग कैसे ‘स्वास्थ्य और सुरक्षा के अधिकार: रोकथाम, उपचार और देखभाल के महत्व’ के हकदार हैं पर प्रकाश डालने के जरिये ध्यान केंद्रित किया गया। चर्चा के उद्घाटन सत्र में सरकार, संसद, ड्रग्स का इस्तेमाल करने वाले लोगों के एशियाई नेटवर्क, संयुक्त राष्ट्र और अन्य विकास एजेंसियों के कई प्रतिष्ठित वक्ताओं ने भाग लिया। कुछ प्रमुख प्रतिभागियों में शामिल हैं ऑस्कर फर्नांडीस ( लोकसभा सदस्य), अबू मेरी (सामुदायिक प्रतिनिधि और इंडियन ड्रग यूजर्स फोरम के अध्यक्ष), आरके जायसवाल (आईजीपी, स्पेशल टास्क फोर्स, पंजाब पुलिस), जरनैल सिंह (विधायक, आप), दिव्या वर्मा (कार्यक्रम अधिकारी, आईएलओ), तृप्ती टंडन (उप निदेशक, लॉयर कलेक्टिव) और अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति।

स्वागत भाषण सिमोन बिडोए, सीनियर प्रोग्राम मैनेजर, हार्म रिडक्शन एडवोकेसी इन एशिया, इंडिया एचआईवी/एड्स एलायंस, द्वारा दिया गया। इसके बाद आरके जायसवाल (आईजीपी, स्पेशल टास्क फोर्स, पंजाब पुलिस) ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वक्ताओं ने सेवाओं के आवश्यक दायरे को बढ़ाने और उन तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कानूनी और नीतिगत विषयों में कैसे निवेश महत्वपूर्ण है, इस पर उन्होंने बड़े पैमाने पर बात की। उन्होंने पीडब्ल्यूआईडी आबादी के बीच एचआईवी के प्रसारण के चक्र को तोड़ने के लिए इस तरह की परियोजनाओं के प्रभाव को अधिकतम करने पर भी जोर दिया। चर्चा के दूसरे सत्र में आर्थिक, राजनीतिक, समाजिक, मीडिया और सांस्कृतिक क्षेत्र के वक्ताओं ने भाग लिया। उन्होंने ड्रग्स का सेवन करने वाले और एचआईवी संक्रमित लोगों से जुड़े कलंक और भेदभाव से संबंधित मुद्दों पर बहस और चर्चा की।

उमेश चावला, डायरेक्टर पॉलिसी और प्रोग्राम, इंडिया एचआईवी एड्स एलायंस ने कहा कि आईएचएए वैश्विक कोष के साथ काम कर रहा है ताकि उन मरीजों की सहायता कर सकें जो एचआईवी पॉजीटिव हैं और नशीली दवाओं का सेवन करते हैं। समाज का यह वर्ग सामान्य तौर पर मदद के लिए पूछता नहीं है क्योंकि वह अपने आप को अभियुक्त महसूस करते हैं और समझौता करते हैं। कानूनी रूप से एक ऐसा मजबूत वातावरण तैयार करने की आवश्यकता है, जहां पीडब्ल्यूआईडी जनसंख्या को समर्थन देने के लिए प्रगतिशील नीतियां लागू की जा सकें और नुकसान में कमी लाने को सुनिश्चित किया जाए। सिविल सोसायटी को महत्वपूर्ण हितधारकों के साथ सार्थक संवाद शुरू करने की जरूरत है, समर्थन प्रयासों को सामरिक जानकारी एकत्रित करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए जो कि साक्ष्य आधारित हस्तक्षेप आरंभ करने और उन्हें आगे विकसित करने का आधार प्रदान करेगा। विभिन्न मीडिया माध्यमों के जरिये ऐसे प्रोजेक्ट्स के प्रमुख कदमों और विश्लेषणों को सार्वजनिक किया जाएगा। तब इनका पीडब्ल्यूआईडी जनसंख्या के लिए अनुकूलित कार्यक्रम बनाने और कदमों को उठाने में उपयोग किया जा सकेगा।’
आरके जायसवाल (आईजीपी, स्पेशल टास्क फोर्स, पंजाब पुलिस) ने कहा कि स्पेशल टास्क फोर्स का उद्देश्य प्रवर्तन, लत छुड़ाना और रोकथाम के माध्यम से मादक पदार्थों के दुरुपयोग को नियंत्रित करना है। काउंसलिंग और समानार्थी समर्थन भी हमारी समर्पित पहल का एक हिस्सा है। हम लगातार इन पहलों पर अपना ध्यान देंगे और उम्मीद करते हैं कि पंजाब में गंभीर नशे की समस्या को नियंत्रित कर लेंगे।

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