मातृत्व सुख छीन सकता है सिगरेट का धुआं

 

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक है। तंबाकू न केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि दिल, गुर्दे और शुक्राणुओं को भी नुकसान पहुंचाता है। यह पुरुषों और महिलाओं में इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है। आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में धूम्रपान के कारण हर साल लगभग 60 लाख लोगों की मौत हो जाती है। एक शोध से पता चलता है कि 18 वर्ष से अधिक उम्र की चार में से लगभग एक महिला धूम्रपान करती है। धूम्रपान का एक्टोपिक गर्भावस्था से संबंध हो सकता है और इसके कारण फैलोपियन ट्यूबों में समस्या आ सकती है। एक्टोपिक गर्भावस्था में अंडे गर्भाशय तक नहीं पहुंचते हैं और इसकी बजाय फलोपियन ट्यूब के अंदर प्रत्यारोपण हो जाते हैं। डॉ सागरिका का कहना है की धूम्रपान महिलाओं में इनफर्टिलिटी की संभावना को 60 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। इसके कारण गर्भाशय में परिवर्तन आ सकता है जिसके कारण गर्भाशय कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। सिगरेट में मौजूद रसायन अंडाशय के भीतर एंटीऑक्सीडेंट स्तर में असंतुलन पैदा कर सकते हैं।
फर्टिलिटी पर धूम्रपान का प्रभाव
तंबाकू का पुरुष प्रजनन क्षमता पर भी भारी दुष्प्रभाव पड़ता है। यह रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है। कुछ अध्ययनों में धूम्रपान के प्रभाव का इरेक्टाइल डिस्फंान और यौन प्रदर्शन में कमी से भी संबंध पाया गया है। तंबाकू के कारण क्रोमोसोम को भी क्षति पहुंच सकती है और शुक्राणु में डीएनए फ्रैगमेंटेशन हो सकता है। धुम्रपान करने वाले लोगों के शुक्राणुओं से विकसित भ्रूण में डीएनए की क्षति के कारण उसके जीवित रहने की संभावना कम होती है। आईवीएफ भी प्रजनन क्षमता पर धूम्रपान के दुष्प्रभाव को पूरी तरह से काबू पाने में सक्षम नहीं हो सकता है। धूम्रपान करने वाली महिला को आईवीएफ के दौरान अंडाशय को उत्तेजित करने वाली अधिक दवा लेने की आवश्यकता होती है और फिर भी रिट्रीवल के समय कम अंडे होते हैं। इसके अलावा धूम्रपान करने वाली आईवीएफ रोगियों में धुम्रपान नहीं करने वाली महिलाओं की तुलना में गर्भावस्था दर 30 प्रतिशत कम होती है। गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से गर्भस्थ बच्चे को भी नुकसान पहुंच सकता है। यहां तक कि धूम्रपान करने वाली महिलाओं में समय पूर्व प्रसव पीड़ा हो सकती है और स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित बच्चों को जन्म दे सकती हैं।

डॉ सागरिका अग्गरवाल, स्त्री रोग विशेषज्ञ (इंदिरा आईवीएफ हॉस्पिटल, नई दिल्ली)

 

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