अभिनय का मतलब अंतरात्मा में प्रवेश करना : यशपाल शर्मा 

अभिनय का मतलब अपनी ही अंतरात्मा में प्रवेश करना है । यदि ऐसा न होता तो ओम पुरी , राजपाल यादव , चार्ली चैप्लिन एक्टर नहीं होते । शरीर सुंदर होना , नृत्य कर लेना या शक्ल सूरत ये एक्टिंग में काम नहीं आतीं । यह कहना है प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता यशपाल शर्मा का । वे निर्दोष हिसारी सम्मान समारोह में भाग लेने अपने पैतृक शहर में थे और नभछोर कार्यालय भी समय निकाल कर बातचीत के लिए आए ।
बेशक यशपाल शर्मा अभी तक अभिनय के जौहर दिखाते आ रहे हैं लेकिन आजकल वे निर्देशन में भी कदम रख चुके हैं । वे हरियाणा के प्रसिद्ध सांगी व शेक्सपीयर के रूप में जाने जाते लखमीचंद पर बायोपिक बना रहे हैं और उसी में रमे हैं । यह फिल्म दो पार्ट में बनेगी । पहले पार्ट में सिर्फ दो गानों और एक दो दृश्य  में ही दिखाई देंगे । दूसरे भाग में वे लखमीचंद का रोल करेंगे । पहले भाग में तो बचपन की भूमिका कोई बच्चा निभाएगा । इसकी कास्टिंग जल्द पूरी हो जाएगी और फिल्म अक्तूबर नवंबर तक शुरू हो जाएगी
अपनी नयी फिल्मों की जानकारी दें ।
मेरी नयी फिल्मों में मुहम्मद फिल्म है । एक फिल्म  बंग्लादेश में बनी है उसका नाम है : फागुनी हवाएं । एक और फिल्म है : मिस्टर पान वाला । इसमें मीता वाशिषठ ने मेरी पत्नी की भूमिका निभाई है । इसमें बेटा लंदन बस जाता है और वहीं मेम के साथ शादी रचा कर बस जाना चाहता है । इसमें श्रेया घोषाल और अरिजीत सिंह के गाए गाने भी हैं ।

एक अन्य नयी फिल्म हैं : एसपी चौहान -काॅमनमैन । यह लगभग नब्बे प्रतिशत बन चुकी हैं और सितम्बर में रिलीज होने वाली हैं । इसमें फिल्म में जिम्मी शेरगिल , युविका , बलविंदर कौर और मेरी भूमिकाएं हैं ।

कुछ वर्ष पहले तक हिसार वासियों को अच्छे नाटक दिखाते थे । वह क्रम कैसे टूट गया ? 

मैं निर्देशक बन गया । इसी कारण दबंग जैसी फिल्म छोड दी । जैसे ही लखमीचंद बना लूंगा । फिर अच्छे नाटक लाऊंगा । मेरा वादा रहा ।

सृजन उत्सव का अनुभव कैसा रहा ? 

बहुत बढ़िया । सुभाष चन्द्र ने बडी मेहनत से इसे निभाया । हरियाणा में सांस्कृतिक गतिविधि का यह उत्तम उदाहरण है ।

युवाओं के लिए कोई नेक सलाह ? 

अच्छा साहित्य पढें । और तीन तरीके हैं : प्रेक्टिस,  प्रेक्टिस और प्रैक्टिस । लगातार । रंगमंच करें ।  थियेटर वर्कशॉप करें सिर्फ बातों से कुछ नहीं होगा ।

आप साहित्य के काफी निकट हैं । कौन कौन से प्रिय लेखक हैं? 

मुंशी प्रेमचंद,  बस , एक दो उपन्यास ही बच रहे होंगे । उनकी जीवनी भी पढी है । मैक्सिम गोर्की के मेरे विश्वविद्यालय,  उपेन्द्रनाथ अश्क,  चेखव , अमृता प्रीतम,  चार्ली चैप्लिन की आत्मकथा जैसी पुस्तकें लुभाती हैं ।

रंगमंच को कैसे प्रोत्साहित किया जा सकता है ?
-रंगमंच को स्कूलों में एक विषय के तौर पर इंटरड्यूस करके ।
यह मुलाकात बेशक बहुत भागदौड़ के बीच रही लेकिन यशपाल शर्मा ने सभी का फोटो सेशन करवा कर दिल जीत लिया । यही सादगी मोह लेती है ।
 
मशहूर कलाकार यशपाल शर्मा का साक्षात्कार लेते हुए वरिष्ठ पत्रकार कमलेश भारतीय।
 
 
 
 

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