कर्नाटक भाजपा को लेकर क्यों उठा सवाल ?

क्या कर्नाटक में भाजपा मतदाताओं को ‘झांसा’ देकर चुनाव जीतना चाहती है? कर्नाटक भाजपा के नेता केएस ईश्वरप्पा का एक वीडियो सामने आया है. इसमें वे कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि मतदाताओं को झांसा देने से हिचकिचाएं नहीं.

कर्नाटक. कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव है. भारतीय जनता पार्टी वहां सत्ता में वापसी के लिए बेचैन है. लेकिन लगता है भाजपा के नेता ही वहां उसकी नैया डुबाने में लगे हैं. खास तौर पर पूर्व उपमुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा. ईश्वरप्पा पहले पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दियुरप्पा से मतभेदों के कारण सुर्ख़ियों में थे. अब अपने एक चौंकाने वाले बयान से चर्चा में हैं. द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक ईश्वरप्पा का एक वीडियाे सामने आया है. यह वीडियो चार दिसंबर को कोप्पल इलाके में भाजपा कार्यकर्ताओं के सम्मेलन का बताया जाता है. इसमें ईश्वरप्पा यह कहते हुए सुने जा सकते हैं, ‘हमें मतदाताओं को भाजपा की तमाम उपलब्धियां गिनानी होंगी. केंद्र में हमारी सरकार ने क्या किया. और राज्य में हम क्या करेंगे. पिछड़ों, दलिताें, आदिवासियों, किसानों, महिलाओं के लिए हमने क्या किया है वह लोगों को बताना होगा.’ इसके आगे ईश्वरप्पा कार्यकर्ताओं से कहते हैं, ‘अगर आपको किन्हीं उपलब्धियों की जानकारी कम है तो झूठ बोलिए. लोगों को झांसा देने से हिचकिचाइए नहीं. हम नेता हैं. हम ये नहीं कह सकते कि हमें फलां चीज पता नहीं है. लोगों को बताइए कि जब वाजपेयी (अटल बिहारी) प्रधानमंत्री थे तो पाकिस्तान की भारत पर हमला करने की हिम्मत नहीं थी. पर जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने तो पाकिस्तान ने भारतीय सैनिकों को मौत के घाट उतारा. लेकिन जब फिर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो उनके कार्यकाल में हमारी सेना ने 10 पाकिस्तानी सैनिकों को पाकिस्तान में घुसकर मारा.’
ईश्वरप्पा अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हैं कि ‘वे किस तरह किसी मसले को घुमा देते हैं’. हालांकि यह वीडियो सामने आने के बाद राज्य में सत्ता संभाल रही कांग्रेस पार्टी भाजपा पर हमला करने के लिए अब ईश्वरप्पा का ही उदाहरण दे रही है. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है, ‘ईश्वरप्पा का बयान भाजपा की रणनीति और उसकी संस्कृति का सबूत है. वे (भाजपा नेता) अपने प्रचार अभियान के जरिए सिर्फ़ झूठ ही फैला रहे हैं. और चाहते हैं कि उनके जमीनी कार्यकर्ता भी यही काम करें.’

 

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