खेलेंगी बेटियां तो समृद्ध होगा समाज और देश: सुरेंद्र पहल

परिवार और समाज को बदलना है, उसे समृद्ध बनाना है तो बेटियों को आगे बढाना होगा। हिंदुस्तान में दर्जनों खेल है। गांव की माटी से जुड़े कबड्डी को हम ओलंपिक में शामिल करवाएंगे। इसके लिए पूरा खाका हमने बना लिया है। आखिर कैसे ? और क्या है भारतीय कबड्डी संघ की आगामी योजनाएं ? इसको लेकर भारतीय कबड्डी महासंघ के अध्यक्ष सुरेंद्र पहल से न्यूज हरपल के लिए दीप्ति समृद्धि ने बात की। पेश है उस बातचीत के प्रमुख अंश

 

चंद महीने हुए हैं आपको भारतीय कबड्डी संघ का अध्यक्ष बने। कई गतिविधियां देखने सुनने को मिलती है। यह सब कैसे हो रहा है ?

जीवन रूकने का नाम नहीं है। हमारी पूरी कोशिश है कि भारतीय कबड्डी को वह स्थान मिले, जिसकी वो हकदार है। गांव के अखाड़ों से लेकर कई शहरों में हमारे बच्चे दिन-रात पसीना बहाते हैं, उन्हें उसका फल मिलना चाहिए। मैं हरियाणा से आता हूं। वहां की बेटियों को हमने देखा है सवेरे सवेरे अखाड़ों में पहुंच जाती हैं। खूब मेहनत करती हैं।

आपको भरोसा है कि कबड्डी गांवों से निकलकर वैश्विक पटल पर पहचान बना पाएगा ?

गांवों में प्रतिभा की कमी नहीं है। युवाओं को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच चाहिए। खेल उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान करते हैं। बता दूं कि पहले कबड्डी राजनीति की शिकार हो कर रह गई। सरकारी स्तर पर कबड्डी की दुर्भाग्यपूर्ण अनदेखी की गई। वैसे तो कई साल पहले कबड्डी को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिल चुकी होती, लेकिन कुछ स्वार्थी लोगों ने इस खेल की आड़ में अपना धंधा चलाया हुआ था। जिस कारण कबड्डी को इतनी पहचान नहीं मिल सकी। लेकिन उनके द्वारा और भारतीय कबड्डी संघ के सहयोग से कबड्डी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जाएगी, ताकि विदेशों में भी कबड्डी का खेल अन्य खेलों की तरह दिखाई दे। अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं। संघ ने कबड्डी को पुनः ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए रणनीति तैयार कर ली है। भारतीय कबड्डी संघ इसके लिए सुनियोजित रणनीति पर काम कर रही है। हमें सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।

इसमें सरकारी स्तर पर कितना सहयोग मिल रहा है ?

हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का यह सपना है कि देश में बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं अभियान को पूर्ण सहयोग मिल सके, ताकि इस अभियान को सफल बनाया जा सके। ठीक इसी थी पर भारतीय कबड्डी संघ देश की बेटियों को खेलों की तरफ और अधिक उत्साहित करने के प्रयास में है। इसीलिए भारतीय कबड्डी संघ जल्द ही महिला कबड्डी वर्ल्ड कप करवाने की तैयारी में है। इस वर्ल्ड कप में विश्व के लगभग 12 से अधिक देश भाग लेंगे। ताकि कबड्डी को ओलंपिक में शामिल किया जा सके।

हरियाणा की बेटियों ने हाल के दिनों में खूब नाम कमाया है ?

हां। हरियाणा की बेटियों ने अपने दमखम का लोहा पूरी दुनिया में मनवाया है। कबड्डी में अब उन्हें माहौल मिला है। हमारी पूरी कोशिश है कि हर बेटियों को पूरी सुविधाएं मिलें। खेल का माहौल मिले। इसके लिए हम हर उस जगह पर जाते हैं, जहां से मुझे बुलावा आता है। कबड्डी के खिलाड़ियों से जब कोई संघ का पदाधिकारी मिलता है, तो उनकी हौसलाअफजाई होती है। मैं वहीं कर रहा हूं।

कबड्डी को ओलंपिक में शामिल करवाने की बात कर रहे हैं, यह कैसे होगा ?

कबड्डी का खेल भारतीय परंपरागत खेल है इसलिए इस परंपरा को बरकरार रखने के लिए पूरे देश में सुपर लीग करवाई जा रही है। भारतीय कबड्डी संघ का मुख्य उद्देश्य कबड्डी को ओलंपिक में शामिल करवाना है, ताकि कबड्डी खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का नाम रोशन करने का अवसर मिल सके। मैं कई देशों से बात कर रहा हूं। विदेशों में जैसे जैसे कबड्डी का प्रचार-प्रसार होगा, भारतीय पेशेवर खिलाड़ियों को बेहतर अवसर मिलेगा। अब महिला खिलाड़ियों को पूरा प्रोत्साहन दिया जाएगा, ताकि वे आगे बढ़ सकें। प्रो कबड्डी में मात्र पुरूषों को ही आगे बढने का अवसर मिला है और महिला खिलाड़ी इस खेल से वंचित रही है।

सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए कितना काम कर रही है ?

हाल के दिनों में सरकार इस ओर ध्यान दे रही है। खेल मंत्री चूंकि स्वयं स्पोटर्सपर्सन हैं, वो कई चीजों को समझते हैं। खेलो इंडिया की सफलता आप सबों ने देख लिया है। सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के साथ साथ बेटी खिलाओ का भी गांव-गांव में गुणगान करना चाहिए। भारतीय कबड्डी संघ कबड्डी को शिखर पर ले जाने के प्रयास में है। जल्द ही कबड्डी को ओलम्पिक और कोमनवेल्थ खेलों में शामिल करवाने के प्रयास किए जाएंगे, जिससे हमारे देश के खिलाडियों को और अधिक लाभ मिल सके।

 

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