महाप्रयाण पर निकल गईं कृष्णा सोबती

नई दिल्ली। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हिंदी की वरिष्ठ साहित्यकार कृष्णा सोबती का आज निधन हो गया। कृष्णा सोबती का जन्म 18 फरवरी, 1925, पंजाब के शहर गुजरात में (जो अब पाकिस्तान में है) हुआ। पचास के दशक से आपने लेखन आरम्भ किया और आपकी पहली कहानी, ‘लामा’ 1950 में प्रकाशित हुई। आप मुख्यत: उपन्यास, कहानी, संस्मरण विधाओं में लिखती हैं। ‘डार से बिछुड़ी, ज़िंदगीनामा, ए लड़की, मित्रो मरजानी, हमहशमत ‘ आपकी मुख्यकृतियाँ हैं।

उन्हें 1980 में साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा 1996 में साहित्य अकादमी अध्येतावृत्ति से सम्मानित किया गया था। अपनी बेलाग कथात्मक अभिव्यक्ति और सौष्ठवपूर्ण रचनात्मकता के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने हिंदी की कथा भाषा को विलक्षण ताज़गी़ दी है। उनके भाषा संस्कार के घनत्व, जीवन्त प्रांजलता और संप्रेषण ने हमारे समय के कई पेचीदा सत्य उजागर किये हैं।

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