कितने विश्वास टूट गए आपके ? 

बात बहुत बडी भी नहीं पर इतनी छोटी भी नहीं कि जिसका जिक्र देश भर में न होता । दिल्ली विधानसभा से राज्यसभा के लिए तीन सीटें भरी जाएंगी । अरविंद केजरीवाल के पास पूरा बहुमत है । जिसे उतार देंगे , वही सीधे राज्यसभा में पहुंचेगा । लोकप्रिय कवि कुमार विश्वास ने केजरीवाल के कहने पर अमेठी में लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया । सब दांव पर लगा दिया । शायद उनकी मौजूदगी ही राहुल गांधी के लिए वरदान साबित हुई ।
कुमार विश्वास खाली हाथ लौट आए । फिर पंजाब के विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक का दर्जा भी खो बैठे । धीरे-धीरे वे केजरीवाल का विश्वास खोते चले गए । आप में ही बने रहे लेकिन विश्वास कम से कम होता चला गया । आखिरकार राज्यसभा प्रत्याशियों की घोषणा होते ही खुद कुमार विश्वास का विश्वास ही डोल गया । उन्होंने कहा भी कि केजरीवाल ने मुझे सच बोलने की सजा दी है । केजरीवाल ने कभी मुस्कुराते हुए कहा था कि हम तुम्हें खत्म कर देंगे लेकिन हम तुम्हें शहीद नहीं होने देंगे । मैंने अपनी शहादत स्वीकार कर ली । अब कम से कम मेरे शव को क्षत विक्षत न करें । बडी कृपा होगी । हां , यह बात जरूर है कि अगर कोई केजरीवाल से असहमत है तो उसके लिए आम आदमी पार्टी में रह पाना मुश्किल है । संकेत साफ हैं कि अब विश्वास कोई नयी राह पर चल देंगे ।
इसी प्रकार आजतक चैनल में कार्यरत रहे आशुतोष भी मार खा गये । उन्हें भी राज्यसभा में अपनी वाक्पटुता दिखाने का अवसर नहीं दिया गया । कांग्रेस के अजय माकन ने इस पर प्रतिक्रिया दी कि आप प्रति राजनीतिक रंग चढ गया जबकि आप तो राजनीति का रंग बदलने आए थे । आप ने एक प्रत्याशी भाजपा से और एक कांग्रेस से ले लिया । अपने प्रत्याशियों को ठेंगा दिखा दिया । यह कैसी राजनीति करने लगे आप ?
इधर योगेन्द्र यादव ने भी हैरानी जाहिर करते कहा कि समझ नहीं पा रहा कि क्या कहूं ? मैं एक बात कहता रहा कि चाहे कुछ भी हो जाए केजरीवाल को कोई खरीद नहीं सकता । कपिल मिश्रा के आरोप भी मैंने खारिज कर दिए थे लेकिन अब समझ नहीं पा रहा कि क्या कहूं ? हैरान हूं , स्तब्ध हूं , शर्मसार भी ।
राजनीति कोई स्वच्छ करने आए अरविंद केजरीवाल पर लाखों करोडों लोगों ने उम्मीदें लगाई थीं । कार्यालयों के बाहर चंदा देने वालों की कतारें लगती थीं । क्या चंदे में कोई कमी रह गयी ? क्या फंड में कुछ गिरावट आई ?  आने देते लेकिन जो आम आदमी के विश्वास में गिरावट आई , उससे न आपका कुमार विश्वास बचा , न ही जनता का ।
– कमलेश भारतीय 

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