लिक्जिल ने की टॉयलेट बोर्ड कोएलिशन के साथ साझेदारी

नई दिल्ली। जल और आवास संबंधी उत्पादों के निर्माता लिक्जिल ने भारत के पुणे शहर में आयोजित ग्लोबल सैनिटेशन इकोनॉमी समिट की मेजबानी के लिए टॉयलेट बोर्ड कोएलिशन (TBC) के साथ गठबंधन किया है। पूरी दुनिया में 2025 तक 100 मिलियन लोगों को ‘सुरक्षित-सफाई’ की सुविधा उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण के साथ लिक्जिल व TBC अपनी तरह की पहली बहु-हितधारक समिट के जरिये सफाई की सुरक्षित या पर्याप्त सुविधाएं न होने वाले ग्रामीण और कस्बाई इलाकों के लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। समिट पूरी दुनिया में स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही बिजनेस, निवेश और स्वच्छता क्षेत्र की हस्तियों को एक मंच पर लाएगा, ताकि वे समस्या को लेकर अपने समाधान और व्यवहार में लाई जा रहीं सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं का प्रदर्शन कर सकें। यह समिट बिजनेस, सरकार और समाज से जुड़े अग्रणियों के लिए भी एक मंच की भूमिका में है, ताकि वे अपने क्षेत्र, नागरिकों और विकास लक्ष्यों के लिए सैनिटेशन इकोनॉमी समाधानों के बारे में सीख सकें।

 

लिक्जिल अपने सामाजिक व्‍यावसाय ‘SATO’ के जरिये इस अनूठे बिजनेस-प्रवर्तित गठबंधन का प्रमुख सदस्य है, जो पूरी दुनिया के ग्रामीण समुदाय के लोगों के लिए नवाचारी और कम खर्च वाले टॉयलेट उत्पादों की पूरी सीरीज पेश करता है। SATO, लिक्जिल के मुख्य रणनीति अधिकारी एरिन मैक्कस्कर को टॉयलेट बोर्ड कोएलिशन (TBC) की चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है, जो वैश्विक आर्थिक वृद्धि और बेहतर सुरक्षापूर्वक-प्रबंधित सैनिटेशन तक सर्वव्‍यापी पहुंच हासिल करने के लिए सैनिटेशन इकोनॉमी की व्‍यापक क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए उत्‍तरदायी होंगी।

 

चेयरपर्सन के तौर पर अपनी नियुक्ति पर एरिन कहती हैं, ‘स्थायित्वपूर्ण विकास लक्ष्य 6 (SDG6) से परे विभिन्न मुद्दों व क्षेत्रों से संबंधित हमारे सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने में सैनिटेशन इकोनॉमी और निजी क्षेत्र के महत्व को विस्तार से बताने के लिए टॉयलेट बोर्ड कोएलिशन एकदम तैयार है। पिछले जो भी चेयरपर्सन रहे हैं, उनके कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए मैं बेहद उत्सुक हूं। कम खर्च में स्वास्थ्य सफाई की सुविधाओं, हमारी परियोजनाओं, बढ़ते प्रेरक और ग्लोबल सैनिटेशन इकोनॉमी समिट के जरिये सभी संलग्न लोगों की भूमिका को प्रदर्शित कर मैं किए जा रहे कार्यों की गति बढ़ाने के लिए बिल्कुल तैयार हूं। ’

वर्ल्‍ड टॉयलेट डे 2019 के अवसर पर, टॉयलेट बोर्ड कोएलिशन ने भारत के स्वच्छता संकट के समाधान को हल करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करने के लिए अपने भारत अध्याय ‘टॉयलेट बोर्ड कोएलिशन इंडिया एसोसिएशन’ के गठन की घोषणा भी की है। प्रियंका तंवर, प्रमुख, पब्लिक अफेयर्स, लिक्जिल एशिया पैसेफिक को स्‍टीयरिंग कमिटी का सदस्‍य और बोर्ड ऑफ कोएलिशन के इंडिया चैप्‍टर की डायरेक्‍टर नियुक्‍त किया गया है। समिट में शिरकत करते हुए प्रियंका कहती हैं, ‘यहां लिक्जिल में, हमारी कार्पोरेट दायित्व पहलें हमारे तीन रणनीतिक स्तंभों पर टिकी हैं, जो कि वैश्विक मुद्दों तक विस्तृत हैं, जिन पर तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत है और जो हमारे कार्य क्षेत्र से नजदीक से जुड़े हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र के स्थायित्वपूर्ण लक्ष्यों के अनुकूल ये स्तंभ हैं – वैश्विक सफाई और स्वास्थ्य, जल संरक्षण और पर्यावरण स्थायित्व और विविधता तथा समावेशन। लिक्जिल में हम इन मुद्दों के समाधान के लिए अपनी प्रतिबद्धता को गंभीरता से लेते हैं, जिन पर तुरंत कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि उन समुदायों पर सकारात्मक असर डाला जा सके, जहां हम परिचालन करते हैं।’

वह आगे कहती हैं, “ सैनिटेशन इकोनॉमी वैश्विक आर्थिक वृद्धि के लिए व्‍यापक सामर्थ्‍य की पेशकश करती है और हमारे समय की सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक का समाधान करती है। 2021 तक अकेले भारत में वार्षिक तौर पर यह बाजार 62 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके अलावा भी सैनिटेशन इकोनॉमी आधारित अर्थव्यवस्था से लाभान्वित होने वाले विभिन्न बिजनेस के लिए बाजार की दृष्टि से बेहतरीन संभावनाएं मौजूद हैं। इसलिए हम TBC इंडिया के साथ जुड़ने और इस देश के लिए बदलाव लाने की उसकी क्षमता को लेकर काफी उत्‍साहित हैं।”

 

वैश्विक तौर पर, लिक्जिल सभी के लिए सीआरएम, फंड जुटाने और सबसे महत्‍वपूर्ण SATO टॉयलेट समाधानों के जरिये बेहतर सैनिटेशन मुहैया कराने में योगदान कर रहा है। इन्‍हें खासकर विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए लागत प्रभावी समाधान के तौर पर विकसित किया गया है। SATO ने अद्भुत उत्पादों और बिजनेस के एक स्थायित्वपूर्ण नजरिये के जरिये स्वच्छता से जुड़े मुद्दों को समाधान करने की दिशा में लिक्जिल के प्रयासों को मजबूती दी है। अब तक तीस लाख इकाईयां 27 से ज्यादा देशों में भेजी जा चुकी हैं, जिन्‍होंने 15 मिलियन लोगों के लिए सैनिटेशन में सुधार किया है।

सम्मेलन में शिरकत करने वालों में लिक्जिल के अन्य नेतृत्वकर्ताओं में मार्केटिंग और टेक्नोलॉजी डायरेक्टर, SATO, लिक्जिल, डाईगो इशियामा भी शामिल थे। उन्होंने सभा को संबोधित किया और ‘भारत में सैनिटेशन के क्षेत्र में अगले चरण की चुनौतियों से निपटने के लिए SATO के विकास में तकनीक, नवाचार और डिजाइन की महत्वपूर्ण भूमिका’ विषय पर अपने विचार रखे।

जनवरी 2018 में, लिक्जिल ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में शौचालयों की खास तरह से तैयार SATO सीरीज की शुरुआत की। इस उपलब्धि को आठ दूसरे भारतीय राज्यों में भी कामयाबीपूर्वक दोहराया गया। नई पीढ़ी के SATO वी-ट्रैप शौचालयों में दो गड्ढों और फ्लश की सुविधा उपलब्ध है। इसे लगाना बिल्कुल आसान है और कोई भी स्थानीय मिस्त्री आसानी से ये काम कर सकता है। इसे नवाचारी ढंग से भारत की चुनौतियों के समाधान के लिए तैयार किया गया है। इन शौचालयों में एक साधारण लेकिन नवाचारी ढंग के खुद-ब-खुद बंद होने वाले दरवाजे की भी व्यवस्था है, ताकि संक्रमित बीमारियों व दुर्गंध की आशंका को खत्म किया जा सके और शौचालय के अनुभव को सुरक्षित और सुखद बनाया जा सके। दो गड्ढों वाली व्यवस्था से गंदगी एकत्र नहीं हो पाएगी और जल भी बचेगा, क्योंकि इसके हर फ्लश में एक लीटर से भी कम पानी खर्च होता है। SATO की इकाईयों को सीधे और समायोजित ढंग से भी उपयोग में लाया जा सकता है। चाहे गंदगी एकत्र करने वाले टैंक हों, सीवर आधारित व्यवस्था हो और या फिर जल आधारित शौच सुविधा, SATO इकाईयां सभी के लिए उपयुक्त हैं। जहां नया निर्माण हो रहा हो, वहां इनका उपयोग किया जा सकता है या फिर उपयोग में आ रहे शौचालयों को भी आसान और कम खर्च में बेहतर बनाने में इसका उपयोग हो सकता है।

 

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