नई दिल्ली / टीम डिजिटल। दिल्ली के इंस्टीट्यूटो सर्वेंटेस में पांचवें लांग नाइट ऑफ लिटरेचर्स के आयोजन ने साहित्य प्रेमियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर आस्ट्रिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, आयरलैंड, इटली, पुर्तगाल, स्पेन, स्विट्जरलैंड और तुर्की के कई लेखक मौजूद थे। यूरोप के विभिन्न देशों के विविध लेखकों को एक मंच पर प्रस्तुत करने वाला यह आयोजन साहित्य प्रेमियों के लिए अनूठा है।
यह समस्त यूरोप के लेखकों की बेहतरीन रचनाएं सुनने का अनोखा अवसर था, जिसमें 300 से अधिक मेहमान आए। प्रत्येक लेखक ने अपनी भाषा में 12-15 लोगों के रोटेटिंग आडियंस ग्रुप के लिए अपनी रचना पढ़ी। इसके बाद श्रोताओं को अंग्रेजी में लेखक से संवाद करने का अवसर दिया गया। उन्होंने उनकी कृति और साहित्य पर व्यापक विमर्श किया। इसके बाद ग्रुप अगले कमरे में पहुंच कर दूसरे लेखक को सुनने का आनंद लिया। श्रोता को लेखकों से अंतरंग बातचीत का अवसर देने का यह अनोखा कांसेप्ट है।
इस मौके पर फ्रैंज काफ्का के ‘द मेटामाॅर्फासिस’ को जर्मनी के मीका जाॅनसन ने पेश किया। स्पेन दूतावास के और इंस्टीट्यूटो सर्वेंट्स से जुड़े इग्नासियो विटोरिया हैमिल्टन ने कहा कि हम यूरोप के विश्वप्रसिद्ध लेखकों और बुद्धिजीवियों का स्वागत् करते हुए बहुत खुश हैं। कई यूरोपीय साहित्यकारों को प्रस्तुत करने और उन्हें एक साझा मंच देने का हमारे लिए यह अनोखा अवसर है।
इस मौके पर मार्टिन अमानशौजर- आस्ट्रिया, एलेससेरमैक – चेक गणराज्य, ऐन-कैथरीन रीबनीत्जस्की – डेनमार्क, ऐमी इटारांटा -फिनलैंड, जुडिथ हिडास- हंगरी, मटेओ ट्रेवीसानी- इटली, अफ्रीकी मैक आओधा – आयरलैंड, क्लारा मासेडियो कबराल – पुर्तगाल, ब्लांका रीस्ट्रा-स्पेन, डाना ग्रिगोर्सिया – स्विट्जरलैंड ने अपनी रचनाओं से उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। इसके साथ ही इस आयोजन में तीन यूरोपीयन यूनियन साहित्य पुरस्कार विजेता भी उपस्थित थीं। सुश्री सिलेर्लीहान(तुर्की), सुश्री जान कार्सों (आयरलैंड) और सुश्री मार्टा जीडो (पोलैंड)। इस विशिष्ट साहित्य संध्या का आयोजन संयुक्त रूप से यूरोप के दूतावासों, सांस्कृतिक केंद्रों के समूह और भारत में यूरोपीय संघ का विशिष्ट प्रतिनिधिमंडल ने किया है।