“मैथिली मचान” पर जुटेंगे मिथिला के दिग्गज


नई दिल्ली। शनिवार यानी 6 जनवरी से प्रगति मैदान में शुरू हो रहे विश्व पुस्तक मेला में इस बार मिथिला के कई दिग्गजों की पुस्तकें आम पाठक के लिए उपब्ध रहेगी। हाॅल नंबर 12 ए के स्टाॅल नंबर 389 को मैथिली मचान नाम दिया गया है। इसकी परिकल्पना सीएसटीएस की ओर से की गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मैथिली मचान पर सौ से अधिक लेखकों की हजारों पुस्तकें आम पाठकों के लिए उपलब्ध है।
इस मचान पर पुस्तक उपलब्धता के अलावे कई अन्य गतिविधियां भी होंगी, जो राजधानी दिल्ली के मैथिली साहित्याकाश में पहली बार होगा। मैथिली की कथाकार पद्मश्री उषाकिऱण खान की दो कृतियों पर मिथिला पेंटिग की चित्रावलियां तैयार हो रही हैं और यह काम करने का बीड़ा चित्रकार पद्मश्री बौआ देवी और सहयोगी चित्रकारों ने उठाया है। नई दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला में सात जनवरी को इन चित्रावलियों का प्रदर्शन होगा और इस दौरान निरगुन नाम से आयोजित एक कार्यक्रम में इन दो कृतियों “भामती” और “जाई सं पहिने” पर मैथिली के कथाकार विमर्श करेंगे।
“मैथिली मचान” को लेकर दिल्लीवासियों के लिए सुलभ बनाया है कि डाॅ सविता खान और अमित आनंद ने। सीएसटीएस के संस्थापक द्वय डाॅ सविता खान और अमित आनंद बीते साल भर से “मैथिली मचान” के लिए दिन रात एक कर रहे थे। उसके बाद यह संभव हो पाया है। दिल्ली के प्रगति मैदान में 6 से 14 जनवरी, 2018 तक आहूत विश्व पुस्तक मेला में पहली बार मैथिली को लेकर समर्पित एक स्टाॅल की व्यवस्था की गई है, जिसे “मैथिली मचान” नाम दिया गया है। उल्लेखनीय है कि 24 दिसंबर, 2017 को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अखिल भारतीय मिथिला संघ स्वर्ण जयंती महोत्सव का आयोजन किया गया। सांकेतिक रूप से एक स्टाॅल मैथिल मचान का लगाया। उम्मीद से अधिक पाठक इस मचान पर आए। दिल्ली से लेकर मिथिला के तमाम क्षेत्र में “मैथिली मचान” की चर्चा लोगों के जुबान पर होने लगी है। हर कोई अपने अपने हिसाब से मैथिल मचान की उपादेयता और इसकी प्रासंगिकता को बता रहा है।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.