शिक्षा में आमूल चूल परिवर्तन की आवश्यकता- मीनाक्षी लेखी

नई दिल्ली । आज देश में जिस प्रकार से शिक्षा में बदलाव की बहस चल रही है। सरकार की ओर से लगातार बदलाव की बात की जा रही है। नई शिक्षा नीति में अब कई बदलाव के साथ नए कोर्सेस भी आएंगें। आज शिक्षा में आमूल चूल परिवर्तन की आवश्यकता है। सांसद मीनाक्षी लेखी ने सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च के तीसरे उच्च शिक्षा समिट में संबोधित करते हुए यह कहा। उन्होंने कहा कि आज देश में पर्यावरण पर जागरूकता लाने की आवश्यकता है। जिस प्रकार से सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च ने पर्यावरण को ध्यान में रखकर इंवारमेंट स्टडी की बुक लांच किया है इसकी खास आवश्यकता थी। आज दिल्ली पूरी तरह से अव्यवस्थित और मिस मैनेज है। कहने की जरूरत नहीं है दिल्ली में पर्यावरण को लेकर बहस छिड़ी है। सब लोग जानते हैं कि किस प्रकार से दिल्ली चल रही है। सीईजीआर ने पर्यावरण विषय को ध्यान में रखकर कार्य किया है जिसके लिए सीईजीआर को हम बधाई देते हैं।

सेंटर फोर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च का तीसरे उच्च शिक्षा समिट के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सांसद जय प्रकाश यादव ने कहा कि आज भारत की क्षमता खासकर शिक्षा के क्षेत्र में काफी व्यापक है। हम विश्व गुरु है। हमारे यहां नालंदा विश्वविद्यालय है। इसके गौरव को कौन नहीं जानता है। आज देश में स्मार्ट क्लास, स्मार्ट बच्चे, स्मार्ट टीचर की जरूरत है। जिसके लिए आप लोग कार्य कर रहे हैं। खासकर सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च ने जिस प्रकार से थिंक टैंक के रूप में विगत वर्षों से कार्य कर रहा है यह लाजवाब है।

सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च के पहले सत्र का स्वागत भाषण करते हुए सीनियर वाइस प्रेसिडेंट व चेयरमैन न्यू देहली इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट वीएम बंसल ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्था लगातार शिक्षा के विकास पर कार्य कर रही है। कोई विद्वजन या संस्था अगर कोई प्रोग्राम करना चाहते हैं तो न्यू देहली इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट आपके लिए सदा खुला है। सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च ने जिस प्रकार से विगत दिनों में देश भर के मैनेजमेंट व इंजिनियरिंग और अन्य संस्थाओं को जोड़ा है इससे देश भर के विद्वजन भी एकजुट हुए हैं। इसके लिए सीईजीआर बधाई का पात्र है। आज जब देश में नई शिक्षा नीति की बात की जा रही है ऐसे में थिंक टैंक की जरूरत थी जिसकी पूर्ति सीईजीआर कर रहा है। पहले सत्र को बंसल के अलावा विले इंडिया के एमडी विकास गुप्ता, नेशनल स्कील इंडिया मिशन के चेयरमैन विजय कुमार, एआईसीटीई के निदेशक डॉ रमेश उन्निकृष्णनन, जीएलए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डीएस चौहान, टूरिज्म एंड हॉसपिटलिटी स्कील काउंसिल के सीओओ सोनाली सिन्हा ने संबोधित किया। इंवारमेंट स्डटी बुक के बारे में संजीवा दुबे ने खास चर्चा की और बुक के महत्ता को बताया। इस सत्र में ही इंवारमेंट स्टडी पर बुक लांच किया गया। इस खास सत्र में ही सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च और टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी स्कील काउंसिल एनएसडीसी ने एमओयू हस्ताक्षर किए। जिसके तहत अब फैकल्टी की सेवा एनएसडीसी सीईजीआर से सहयोग लेगा। दूसरे सत्र में टेक्निकल सत्र था। जिसमें डिस्कशन ऑन आटोनोमी वर्सेज एकाउंटबिलिटी पर पैनल डिस्कशन किया गया। जिसमें डॉ केके अग्रवाल मेंटर सीईजीआर और कुलपति के आर मंगलम विश्वविद्यालय ने खास तौर पर चर्चा की। अंतिम सत्र में इनवेस्टमेंट पिरिओटाइजेशन ऑफ एकेडमी इंस्टिट्यूशन स्कील ऑफ फैकल्टी एंड स्टुडेंट वर्सेस ब्रांडिंग पर पैनेल डिस्कशन किया गया। इस सत्र में पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री आरिफ मोहम्मद खान ने खासतौर पर आज की शिक्षा पर चर्चा की। और कई तरह के नई जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा में बदलाव लाना यह सरकार का कार्य है। लेकिन उसे बेहतरी ढ़ंग से अपनाने के लिए तो संस्थाओं का सहयोग की आवश्यकता होती जिसके लिए आप सबको तैयार रहना होगा। इस खास सत्र में सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च व एआईसीटीई के निदेशक डॉ मनप्रीत सिंह मन्ना ने सरकार द्वारा चलाई जा रही शिक्षा पर कई तरह के कार्यक्रम के बारे में बताया। उन्होंने समिट में उठाए गए सभी प्रश्नों का जवाब दिया। मनप्रीत सिंह मन्ना ने कहा कि सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च ने जिस प्रकार से थिंक टैंक के रूप में आगे आया है इससे संस्थाओं को तो लाभ मिल ही रहा है साथ ही सरकार भी सीधे तौर पर एक जगह पर अपनी बात को रख पा रही है। गौरतलब है कि इस मौके पर संस्थानों व फैक्लटी को अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कार दिया गया। फैक्ल्टी को शिक्षा गौरव पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया।

 

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