गर्भ क्यों गिरता है?

मिसकैरेज। यानी गर्भपात। गर्भधारण करने के बाद इसका डर सताता है या कई बार महिला बार-बार गर्भपात के चलते मां नहीं बन पाती। आखिर ऐसा क्यों होता है? इसका क्या स्थायी इलाज है। जानते हैं गाइनोकोलोजिस्ट निकिता त्रेहान से।

 

गर्भ क्यों गिरता है?
– गर्भाशय में फाइब्रॉयड का होना।
– गर्भाशय की कैविटी में ‘सेप्टम’ (दीवार) का होना।
– गर्भाशय में ‘फॉलिप’ या किसी भी अन्य प्रकार के ग्रोथ का होना।
– सरवाइकल अक्षमता। इस स्थिति में प्रसव (लेबर) के दौरान गर्भाशय के मुंह के खुलने की बजाय यह समय (बच्चे का कार्यकाल पूरा होने से पहले) से पहले खुल जाता है और या तो गर्भपात या समय से बहुत पहले ही बच्चे के जन्म के खतरे को बढ़ाता है।

उपचार की पुरानी विधि
पहले गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय के मुंह (वेजाइनल इनसरक्लेज) से नीचे टांका लगाकर
इलाज किया जाता था। यह प्रक्रिया खतरे से पूरी तरह मुक्त नहीं थी। ऐसे ज्यादातर मामलों में वेजाइनल इनसरक्लेज अप्रभावी होता था और गर्भपात होना तब भी जारी रहता था। लेकिन अब नई प्रक्रिया ‘लैपरोस्कोपिक इनसेलरार्ज’ से इस समस्या का स्थाई उपचार मिल सकेगा। गर्भपात रोकने का नवीनतम उपचार ‘लैपरोस्कोपिक इनसेलरार्ज’ के तहत गर्भाशय के मुंह को लैपरोस्कोपी के द्वारा ऊपर से बांध दिया जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि यह उन महिलाओं में अत्यंत कारगर है, जिन्हें बार-बार गर्भपात होता है या जो अपरिपक्व बच्चों को जन्म देती हैं। लैपरोस्कोपी या हिस्टेरोस्कोपी के द्वारा हार्मोनल असंतुलन या संक्रमण या आनुवंशिक विकृति की समस्याओं का भी निदान किया जा सकता है और उसी समय इनका इलाज भी किया जा सकता है। ये सभी जांच और उपचार न केवल माता-पिता को गर्भपात होने के मनोवैज्ञानिक आघात से बचाते हैं, बल्कि उन्हें समय पर एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के सबसे सुंदर उपहार प्राप्त करने में भी मदद कर सकते हैं।
(डॉ. निकिता त्रेहान कंसल्टेंट गाइनोकोलॉजिस्ट से बातचीत पर आधारित)

 

 

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