महाराष्ट् से भी नागरिकता संशोधन बिल का हुआ विरोध

मुंबई। संसद के दोनों सदनों में भले ही नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया हो, लेकिन देश के अलग अलग हिस्सों में इसका विरोध हो रहा है। विरोध करने वाले अपनी बातों को रख रहे हैं। इसी कडी में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट के राष्ट्ीय अध्यक्ष मुन्ना यादव ने नागरिकता संशोधन बिल को रोकने की मांग की है। उनका कहना है कि सरकार ने इसे पारित करने को लेकर जो रणनीति अपनाई, वह सही नहीं है। सबसे पहले सरकार को सारे राज्यों में बसे बाहर से आए हुए सभी नागरिककों का निरीक्षण करवानना चाहिए था। उनकी गणना की जानी चाहिए थी। उसके बाद भारत के सभी नागरिकों को विभिन्न माध्यमों से इसकी सूचना दी जानी चाहिए थे। जनता की राय लेनी चाहिए थी। लेकिन अफसोस की बात है कि केंद्र सरकार की ओर से ऐसी किसी प्र्रक्रिया को नहीं अपनाया गया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से इसका पूरे देश में विरोध हो रहा है, उससे विकास कार्य प्रभावित होंगे। देश की अर्थव्यवस्था संकट में है और केंद्र सरकार ने एक नया तुर्रा छोड दिया है। मुन्ना यादव कहते हैं कि देश में बेरोजगारी संकट है। किसान परेशान है, लेकिन केंद्र सरकार आखिर किस मंशा के तहत नागरिकता संशोधन बिल लाई ? यह समझ से बाहर है। क्या केंद्र सरकार केवल सियासी नफा-नुकसान के लिए ही काम करती है ?

नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट के राष्ट्ीय अध्यक्ष मुन्ना यादव कहते हैं कि केंद्र सरकार को अर्थव्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए थे। देश के किसानों की सुध लेनी चाहिए थी। आज भारत में किसानों की स्थिति दयनीय है। किसानों की समस्याएं लगातार बढ रही है। भूमि अधिग्रहण नियम के तहत किसानों से मजबूरत उनकी जमीनों को कुछ मूल्य देकर उनकी जमीनों को पूंजीपतियों को बेचा जा रहा है। लेकिन, सरकार की प्राथमिकता में किसान नहीं हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि यदि देश की बेहतरी के लिए कार्य करना है तो किसानों की उन्नति के लिए सबसे पहले कार्य किए जाएं। देश के अन्नदाता सुखी होंगे, तो पूरा देश अपने आप विकास के रास्ते पर चलेगा।

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