Career Option – Music के क्षेत्र में कॅरिअर के शानदार अवसर

नई दिल्ली। Music इन दिनों करियर का बेहतर ऑप्शन साबित होने के साथ-साथ समाज में इज्जत और पैसा कमाने का मुख्य साधन भी बन गया है. आज के युग में रियलिटी शो में अपनी संगीत कला का हुनर दिखाकर ही सुनिधि चौहान, श्रेया घोषाल और केली क्लार्कसन जैसे संगीत प्रेमियों को देश-विदेश में प्रसिद्धि मिलने के साथ-साथ ही बेहतरीन कमाई भी हुई है. हमारे देश में Music का दबदबा तो प्राचीन काल से ही रहा है और भारतीय संगीत का जादू आज भी सबके सिर चढ़कर बोलता है. इसी तरह, मन की शांति और कई रोगों के इलाज के लिए भी भारतीय संगीत का बखूबी इस्तेमाल किया जाता है.

Music में गहरी रुचि

विश्व के तेजी से बदलते परिदृश्य में आजकल संगीत, और विशेषकर भारतीय संगीत, एक महत्वपूर्ण प्रोफेशन बन चुका है. देश-विदेश के युवाओं में इसका क्रेज दिनोदिन बढ़ता ही जा रहा है. लेकिन यह  गौरतलब है कि संगीत में अपना करियर शुरू करने के लिए आपके पास संगीत में गहरी रुचि रखने के साथ-साथ, संगीत और वाद्ययंत्रों की सही समझ और मेहनत जैसे गुण भी जरुर होने चाहिए.

भारतीय Music में माहिर बनने के कारगर टिप्स

संगीत को  मनुष्य की सबसे बेहतरीन खोजों में से एक माना जा सकता है. संगीत के जरिए न सिर्फ इमोशन, बल्कि अपनी फिलिंग्स को भी बखूबी जाहिर किया जा सकता है. लेकिन वास्तव में इस क्षेत्र में पारंगत होना कोई आसान काम नहीं है. वैसे प्रतिभा, सच्ची लगन और कठिन मेहनत की बदौलत इस क्षेत्र में कामयाबी हासिल की जा सकती है. यदि आपमें सहजात प्रतिभा है, तो यह आपके लिए एक उपहार के समान है. आप नियमित रियाज के साथ-साथ ट्रेनिंग या फिर किसी अच्छे इंस्टीटयूट में दाखिला लेकर भी इस फील्ड में करियर का बेहतर आगाज कर सकते हैं.

 

भारतीय संगीत: प्रमुख कोर्सेज

इसके लिए ट्रेनिंग की व्यवस्था छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों तक में उपलब्ध हैं. कोर्सेज ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन के अतिरिक्त सर्टिफिकेट डिप्लोमा एवं पार्ट टाइम प्रकार के हो सकते हैं. विश्वविद्यालयों से लेकर संगीत अकादमियों तक में इस प्रकार के ट्रेनिंग कोर्सेज स्कूली बच्चों और युवाओं के लिए उपलब्ध हैं. बारहवीं के बाद संगीत से जुडे कोर्सेज में एडमिशन लिया जा सकता है. उम्मीदवार चाहें तो सर्टिफिकेट कोर्स, बैचलर कोर्स, डिप्लोमा कोर्स और पोस्ट ग्रेजुएट लेवॅल के कोर्स कर सकते हैं. आमतौर पर सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि एक वर्ष, बैचलर डिग्री कोर्स की तीन वर्ष और पोस्ट ग्रेजुएट लेवॅल कोर्स की अवधि दो वर्ष की होती है.

 

दसवीं के बाद Music के कोर्सेज

 

·         संगीत में सर्टिफिकेट

·         संगीत में डिप्लोमा

·         वाद्ययंत्र में सर्टिफिकेट

बारहवीं के बाद संगीत के कोर्सेज

·         संगीत में ग्रेजुएशन (बी.म्यूजिक)

·         संगीत में बीए

·         संगीत में बीए (ऑनर्स)

ग्रेजुएशन के बाद संगीत के कोर्सेज

·         संगीत में एमए (एम.म्यूजिक)

·         संगीत में एमए

·         संगीत में एमफिल

मास्टर डिग्री के बाद संगीत का कोर्स

·         संगीत में पीएचडी

 

भारतीय संगीत में हैं करियर की अपार संभावनाएं

वर्तमान में देश-विदेश में युवाओं में संगीत से जुड़े बैंड बनाने और परफॉर्म करने का ट्रेंड जोर पकड़ता जा रहा है. इस प्रकार के बैंडस में वोकल आर्टिस्ट (गायक) और इंस्टूमैंट्रल आर्टिस्ट (वाद्ययंत्र कलाकार) दोनों का ही समन्वयन देखने को मिलता है. स्कूलों, कॉलेजों और अन्य छोटे लेवल पर तो इस प्रकार के अनेक बैंडस आज मार्केट में आ गए हैं.

 
Inputs – डाॅ. चन्द्रशेखर श्रीमाली, नेशनल कॅरिअर काउन्सलर
 

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