नारायण सेवा संस्थान ने किया 3.5 लाख से अधिक दिव्यांग मरीजों का निशुल्क इलाज

 

नई दिल्ली। नारायण सेवा संस्थान -एक गैर-लाभकारी संगठन- ने दिव्यांग लोगों की सेवा करने की अपनी प्रेरक यात्रा में नारायण सेवा संस्थान का समर्थन करने वाले दानदाताओं के योगदान को सम्मानित करने के लिए नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार समारोह-2018 का आयोजन किया। प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री शर्मिला टैगोर और टेलीविजन स्टार दिलीप जोशी के साथ संस्थापक अध्यक्ष कैलाश मानव और नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल की उपस्थिति में आयोजित यह एक शानदार समारोह के रूप में याद रखा जाएगा।
इस दौरान दुनियाभर के 100 से अधिक दानदाताओं को प्लैटिनम, डायमंड, गोल्ड, रजत और कांस्य जैसी विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए गए। ये ऐसे दानदाता हैं जिन्होंने प्रतीक्षा सूची में शामिल 15,000 मरीजों के जीवन को बदलने में सहायता की है।
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल कहते हैं कि नारायण सेवा संस्थान दिव्यांग लोगों के लिए एक ऐसा स्मार्ट गांव है, जहां जीवन के किसी भी स्तर पर, किसी भी तरह से वंचित अनुभव करने वाले लोगों के लिए सभी सुविधाएं जुटाई गई हैं। नारायण सेवा संस्थान ने पिछले 30 वर्षों में 3.5 लाख से ज्यादा मरीजों का आॅपरेशन किया है और और उन्हें चिकित्सा सेवाओं, दवाइयों और प्रौद्योगिकी का निशुल्क लाभ देकर पूर्ण सामाजिक-आर्थिक सहायता प्रदान की है। किसी भी प्रकार के शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक पुनर्वास के लिए नारायण सेवा संस्थान आने वाले मरीजों को यहां किसी भी नकद काउंटर या भुगतान गेटवे से गुजरना नहीं होता। हमें इस बात पर गर्व है कि संस्थान के दोनों अस्पतालों में कार्यरत 125 डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की एक टीम प्रतिदिन लगभग 95 रोगियों का आॅपरेशन करते हुए मानवता की सेवा में जुटी है।ह्यह्य
नारायण सेवा संस्थान दिव्यांग लोगों के लिए 1100 बिस्तर वाला अस्पताल संचालित करता है, जहां न सिर्फ विशेष रूप से सक्षम लोगों का इलाज किया जाता है, बल्कि उनके लिए सामाजिक और आर्थिक पुनर्वास की व्यवस्था भी की जाती है। नारायण सेवा संस्थान भारत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, यूक्रेन, ब्रिटेन और यूएसए में रहने वाले और पोलियो और सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित लोगों के लिए उम्मीद की एक किरण बनकर उभरा है। राजस्थान में उदयपुर के स्मार्ट विलेज यानी बडी गांव में प्रतिदिन हजारों मरीजों का इलाज किया जाता है। नारायण सेवा संस्थान में शारीरिक और सामाजिक-आर्थिक पुनर्वास के लिए आने वाले मरीजों को यहां किसी कैश काउंटर या पेमेंट गेटवे से नहीं गुजरना पडता है।
दर्शकों को संबोधित करते हुए शर्मिला टैगोर ने कहा कि शारीरिक विकलांगता की वजह से समाज की मुख्यधारा का हिस्सा न होने का डर दिव्यांग व्यक्ति को मानसिक रूप से कमजोर बनाता है। नारायण सेवा संस्थान उन गैर-लाभकारी संगठनों में से एक हैं; जो न केवल मुफ्त चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहा है बल्कि पुनर्वास और दिव्यांगजन को मुख्यधारा में जोड़न ेके लिए उनकी शिक्षा व्व्यवसाय के हेतु आर्थिक सहायता भी करता है।

 

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