गोडसे के मंदिर पर सियासी बिसात

ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं द्वारा अपने कार्यालय में महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने और गोडसे की प्रतिमा स्थापित करने से विवाद पैदा हो गया है। हिंदू महासभा ने अपने लश्कर स्थित कार्यालय में पूरे विधि-विधान से महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रतिमा स्थापित की। साथ ही प्रशासन से जमीन न मिलने पर दौलतगंज क्षेत्र में मंदिर बनाने का फैसला हुआ। नाथुराम गोडसे की पुण्य तिथी पर महासभा के डॉ. जयवीर सिंह सहित अन्य लोगों ने कार्यालय में विधिवत प्रतिमा स्थापित की। इस दौरान तमाम वक्ताओं ने गोडसे के कार्यों का ब्यौरा दिया और साथ ही मंदिर स्थापित करने का संकल्प लिया। स्थापित प्रतिमा के सिर पर भगवा टोपी, शरीर पर पीला दुशाला डाला गया है। साथ ही मूर्ती के माथे पर टीका लगाया गया है। इस दौरान मौजूद लोगों ने अपनी भावी रणनीति का भी खुलासा किया। साथ ही गोडसे को देशभक्त बताया गया।
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज कहा, ‘हमने 9 नवंबर को जिला प्रशासन से नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने के लिए जमीन की मांगी थी। प्रशासन द्वारा इंकार किए जाने पर ग्वालियर के दौलतगंज क्षेत्र में स्थित अपने कार्यालय में ही गोडसे का मंदिर बनाया है। मामले में पुलिस महानिरीक्षक (इंटेलिजन्स) मकरंद देऊस्कर ने बताया, ‘यह मामला हमारी जानकारी में आया है। जिला पुलिस अधीक्षक इस मामले को देख रहे हैं और कानूनी सलाह के बाद इस बारे में उचित कार्रवाई की जाएगी।विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा, ‘इस विवाद से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का निरादर हुआ है। इससे पहले मुरैना में महात्मा गांधी की प्रतिमा को आग लगाई गई थी और अब महासभा ने बापू के हत्यारे का मंदिर ग्वालियर में बनाया और आरती कर प्रसाद भी बंटवाया गया। हमारी मांग है कि इन लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दायर किया जाए।’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मामले में ट्वीट किया, ‘बापू के हत्यारे का एक मंदिर ग्वालियर में शिवराज शिवराज चौहान की नाक के नीचे बनाया गया है, जबकि चौहान गांधी के नाम पर ‘उपवास’ करने का नाटक करते हैं। यह एक शर्मनाक और निंदनीय कृत्य है।’ वहीं प्रदेश भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘महात्मा गांधी देश की विरासत हैं और कांग्रेस को उन पर अपना एकाधिकार जमाने की कोशिश नहीं करना चाहिए। इस मामले में यदि किसी ने कानून और संविधान का उल्लंधन किया है तो उस पर कानून की मुताबिक कार्रवाई होगी।’

 

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