आपात स्थिति में विकलांगों के लिए सतर्क होने की जरूरत

विकलांगों को सशक्त बनाने के लिए गुजरात में हुए सेमिनार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ईश्वरभाई (अनिल) रमनभाई परमार ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

गांधीनगर। गुजरात के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ईश्वरभाई (अनिल) रमनभाई परमार ने कहा कि आपात स्थिति में हमें अपने विकलांगजनों के बारे में अधिक सतर्क होने पडता है। इसके लिए जितना प्रयास किया जाना चाहिए, वह करना होगा। उन्होंने विकलांगता और बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए भूकंप और प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने के बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। जो लोग इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, उनको मंत्री ने धन्यवाद दिया और अपनी सरकार से सहयोग की बात की।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ईश्वरभाई (अनिल) रमनभाई परमार गांधीनगर के इंस्टीट्यूट ऑफ सीस्मॉलॉजिकल रिसर्च में आयोजित एक राष्ट्ीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। इस तीन दिवसीय सेमिनार में वे बतौर मुख्य अतिथि पधारे थे। पहाडी क्षेत्रों में विकलांगों और बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए भूकंप और आपदाओं के खतरों को कम करने विषय पर यह सेमिनार आयोजित किया गया। श्री परमार ने इस अवसर पर सोसाइटी फॉर डिसएबिलिटी एंड रिहाबिलिटेशन स्टडीज और इंस्टीट्यूट ऑफ सीस्मोलॉजिकल रिसर्च द्वारा किए गए संयुक्त प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया।
इस अवसर पर प्रमुख व्याख्यान देने वाले वैज्ञानिक ने कहा कि विश्व के विभिन्न हिस्सों में विशेष रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में हुई भूकंप के इतिहास में वैज्ञानिक प्रो हर्ष के गुप्ता ने लोगों को संवेदीकरण करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालने के अलावा, हानि को कम करने के लिए जीवन और संपत्ति उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता में प्रसिद्ध वैज्ञानिक और महानिदेशक, इंस्टीट्यूट ऑफ सीस्मोलॉजिकल रिसर्च डॉ एम रवि कुमार थे, जिन्होंने इस क्षेत्र में व्यापक शोध का पालन करने की अनिवार्यता पर जोर दिया। जेएनयू के विकलांगता अध्ययन और माननीय राष्ट्रपति, विकलांगता और पुनर्वास अध्ययन के लिए सोसायटी डॉ जी एन कर्ण ने स्वागत टिप्पणी के साथ विषय की आवश्यकता पर बल दिया।

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