ट्रांसफाॅर्म एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स‘ के लिए नीती आयोग की पीरामल फाउंडेशन के साथ साझेदारी

नई दिल्ली। एस्पिरेशनल जिलों में सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के माध्यम से देश में संतुलित विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के एक समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से मानव विकास सूचकांक में समग्र सुधार होने की उम्मीद है। हालांकि इसके लिए यह जरूरी है कि समाज के सभी वर्ग एक साथ आएं और इन जिलों में विकास को जन आंदोलन में बदलने का प्रयास करें।
इसी दिशा में आगे बढते हुए नीती आयोग और पीरामल फाउंडेशन ने एक आशय पत्र (एसओआई) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत ‘ट्रांसफाॅर्मेशन आॅफ एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स‘ के सपोर्ट के लिए जिला कलेक्टरों और प्रमुख अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया जाएगा।
इस वर्ष की शुरुआत में, नीती आयोग ने सरकार द्वारा चुने गए 115 जिलों को एस्पिरेशनल जिलों का दर्जा दिया था। इनका चुनाव स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, वित्तीय समावेशन और कौशल विकास, कृषि और जल संसाधन और बुनियादी ढांचे से संबंधित 6 सामाजिक-आर्थिक मापदंडों पर किया गया था। नीती आयोग ने उन सभी चुनौतियों पर प्रकाश डाला है, जिन्हें लेकर भारत के विभिन्न राज्यों के इन एस्पिरेशनल जिलों में बदलाव के लिए काम करने की जरूरत है।
नीती आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत के अनुसार, ‘‘देश के सबसे ज्यादा पिछडे जिलों में कुशलतापूर्वक सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार काम करने के लिए हम सब प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए जिला, राज्य और केंद्र के स्तर पर एक एकीकृत टीम के गठन का लक्ष्य रखा गया है, ताकि इन एस्पिरेशनल जिलों में हर पैमाने पर विकास का स्तर ऊंचा किया जा सके। यह माना जाता है कि प्रौद्योगिकी द्वारा सहायता प्राप्त सार्वजनिक-निजी भागीदारी, देश में जबरदस्त परिवर्तन ला सकती है और विभिन्न सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन को गति दे सकती है। राज्यों में इस पहल को कार्यान्वित करने के लिए नीती आयोग पीरामल फाउंडेशन के साथ साझेदारी करते हुए प्रसन्नता का अनुभव कर रहा है।‘‘
इस अवसर पर पीरामल ग्रुप के चेयरमैन श्री अजय जी पीरामल ने कहा- ‘‘हम हमेशा मानते हैं कि जब भी कुछ अभिनव किया जाता है, उसके साथ जोखिम आता ही है – और यही वह जगह है जहां निजी क्षेत्र ऐसी चुनौतियों को समाप्त करने के लिए सरकार की सहायता कर सकता है। बडे पैमाने पर सामाजिक प्रभाव को निर्बाध सार्वजनिक-निजी भागीदारी की आवश्यकता होती है। पीरामल फाउंडेशन को इन एस्पिरेशनल जिलों में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन का सपोर्ट करने में नीती आयोग के साथ साझेदारी करते हुए प्रसन्नता है।‘‘
नीती आयोग के साथ आशय पत्र के तहत, पीरामल फाउंडेशन, जिला प्रशासन, राज्य प्रभारी अधिकारी, केन्द्रीय प्रभारी अधिकारी, राज्य सरकार और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों के साथ मिलकर काम करेगा, जो विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण में मौजूदा सार्वजनिक प्रणालियों को और मजबूत करने का प्रयास करेंगे। पीरामल फाउंडेशन नेतृत्व विकास, परिवर्तन प्रबंधन, प्रौद्योगिकी एकीकरण और विभिन्न अभिनव प्रथाओं को लागू करने में सहायता प्रदान करेगा। यह साझेदारी 4 साल की अवधि के लिए है, और पारस्परिक समझौते के तहत इसे आगे भी जारी रखा जा सकता है। एस्पिरेशनल जिलों में बदलाव के कार्यक्रम में परिकल्पना की गई एक प्रमुख रणनीति राज्य और केंद्र सरकार के प्रयासों को सुनिश्चित करने से जुडी है ताकि जिला मजिस्ट्रेट और उनकी टीम को आवश्यक समर्थन मिल सके। जबकि विभिन्न मंत्रालय इन जिलों में बदलाव लाने के लिए राज्यों के साथ साझेदारी कर रहे हैं, और नीती आयोग इस कार्यक्रम में सहायक की भूमिका में है।

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