समस्त भौतिकी सूत्रों पर भारी है भारतीय ज्योतिषः चंद्रशेखर शास्‍त्री

मोदीनगर/गाजियाबाद। भारतीय ज्योतिष नासा के समस्त भौतिकी सूत्रों पर भारी है, ग्रहों की गति को जानने के लिए गांव का छोटा सा ज्योतिषी बता देता है कि सूर्य ग्रहण किस दिन होगा। केवल इस जानकारी के लिए अंतरिक्ष विज्ञान के आधुनिक वैज्ञानिक हजारों करोड़ खर्चकर जान पाते हैं। यह विचार आचार्य चंद्रशेखर शास्‍त्री ने भारतीय वेद विज्ञान संस्‍थान के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। आचार्य चंद्र शेखर शास्‍त्री ने कहा कि विश्व को जिस ज्योतिर्विज्ञान को विश्व समुदाय पूर्ण विज्ञान मानकर उसका अनुसरण करता है, वह वेद विद्या भारत के विश्वविद्यालयों में उपेक्षा का शिकार है। उन्होंने कहा कि भारत को स्वतंत्र हुए छः दशक से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन किसी सरकार ने ज्योतिष पर शोध के लिए व्यवस्‍था नहीं की है। आचार्य चंद्रशेखर शास्‍त्री सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनपद गाजियाबाद के लिए स्‍थायी सदस्य बनाए जाने पर भारतीय वेद ज्योतिष विज्ञान संस्‍थान द्वारा आयोजित अपने सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे। उन्होंने केंद्र सरकार से देश में विक्रम संवत् लागू करने की अपील की है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्‍थान के संरक्षक श्री राम निवास गुप्ता ने कहा कि चंद्रशेखर शास्‍त्री ने पत्रकारिता के द्वारा अध्यात्म जगत् को अनेक पुस्तकें दी हैँ, जो सही मार्गदर्शन करती हैं। कार्यक्रम के संयोजक एवं भारतीय वेद ज्योतिष संस्‍थान के अध्यक्ष डॉ. विनायक पुलह ने कहा कि देश गंभीर वैचारिक संकट से गुजर रहा है, जिसका हल केवल अध्यात्म विज्ञान के द्वारा ही संभव है। इस अवसर पर श्री नारायण बद्रीनाथ केदारनाथ सेवा ट्रस्ट के तिथि पत्रक और नक्षत्रनाडिका समाचार का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम के संचालक नक्षत्र नाडिका समाचार के कार्यकारी संपादक एडवोकेट अखिलेश कौशिक ने कहा कि ज्योतिष के प्रसार में समाचार माध्यमों का योगदान जितना अधिक होगा, उतना ही लोक कल्याण अधिक हो सकेगा। इस अवसर पर मधु मल्होत्रा, बाला भारती, वाग्‍मिता आचार्या आदि उपस्‍थित थे।

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