पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ीं

नई दिल्ली।दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता के बीच पंजाब और हरियाणा में 27 अक्टूबर तक पराली जलाने में कम से कम 2,400 घटनाओं का इजाफा हुआ है। यह राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का मुख्य कारक है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था सफर ने सोमवार को पूर्वानुमान जताया कि पराली के धुएं की दिल्ली के पीएम 2.5 में हिस्सेदारी मंगलवार को बढ़कर 25 प्रतिशत तक हो सकती है जो सोमवार को 15 फीसदी थी।

केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते पराली जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए पंजाब और हरियाणा को कड़े निर्देश जारी किए थे। बावजूद इसके पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं।

पंजाब और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, पराली जलाने के अधिकतर मामले बीते चार दिनों में सामने आए हैं।

पंजाब में पुआल जलाने में करीब 25 फीसदी का इजाफा हुआ है।

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में पिछले साल 27 अक्टूबर तक पराली जलाने की 9,600 घटनाएं रिकॉर्ड हुई थीं। इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 12,027 हो गया है।

अकेले तरन तारन में पुआल जलाने की 1863 घटनाएं हुई हैं। इसके बाद फिरोजपुर में 1,248, पटियाला में 1,236 मामले आए हैं।

पराली जलाने की घटनाओं में 26 और 27 अक्टूबर को काफी बढ़ोतरी हुई। 26 अक्टूबर को 2,805 मामले सामने आए थे, जबकि 27 अक्टूबर को पुआल जलाने की 2,231 घटनाएं दर्ज हुईं।

हरियाणा में पिछले साल पराली जलाने की 3,705 घटनाएं रिकॉर्ड हुई थीं जो इस साल 3,735 हो गई हैं।

पुआल जलाने की घटनाएं करनाल, कैथल और कुरुक्षेत्र में 27 अक्टूबर तक क्रमश: 824, 818 और 645 हुई हैं।

वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान (सफर) ने सोमवार कहा कि हरियाणा और पंजाब में पुआल जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। हवा का रुख इस तरह का है कि वायु धुएं को यहां ला सकती है।

15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच की अवधि को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि पंजाब और आसपास के राज्यों में इस दौरान पुआल जलाने की सबसे ज्यादा घटनाएं होती हैं, जो दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की खतरनाक स्थिति के प्रमुख कारणों में से एक है।

सचिव (कृषि) के एस पन्नू ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल फसल की कटाई करीब एक हफ्ते पहले शुरू हो गई। इस वजह से पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हुई प्रतीत हो रही हैं। फसल की कटाई की अवधि के अंत में आंकड़ा कम होगा।

पन्नू ने कहा कि अगर इस साल नहीं तो समस्या अगले दो साल में पूरी तरह से हल हो जाएगी।

हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एस नारायणन ने कहा कि पराली जलाने पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने को लेकर किसानों के खिलाफ करीब 200 चालान जारी किए गए हैं, लेकिन उच्च न्यायालय ने जुर्माने की वसूली को रोक दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.