पर्यटन पर्व में बिहार की टीम इंद्रधनुष ने दर्शकों का मन मोहा

नई दिल्ली। भारत सांस्कृतिक विरासत से भरा देश है। संपूर्ण भारत में विभिन्न संस्कृतियों के लोग रहते हैं। आप दुनिया में कहीं भी जा कर देख सकते हैं, लेकिन भारतीय सांस्कृतिक में अनेकों रंगों और विविधताओं का संगम भारत में मिलेगा, जो और कहीं नहीं। असंख्य सांस्कृतिक विविधताओं से भरे रंगों का अनुभव करने के लिए पर्यटन द्वारा और देश भर में पर्यटन की भावना का जश्न मनाने के लिए पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार व अन्य केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों की पहल द्वारा दिल्ली की जनता और भारत से आने वाले अतिथियों के लिए दिल्ली के राजपथ पर ‘पर्यटन पर्व’ का आयोजन किया गया है, जो 23 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक चलेगा।
इस समापन समारोह के उद्घाटन करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश विविधता से भरा है और यही हमारी शक्ति है। देश की संस्कृति की चर्चा चीन के दार्शनिक भी कर चुके हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि देश में पर्यटन उद्योग का जीडीपी में योगदान 9 फीसदी है जिसको पर्यटन विभाग ने 18 फीसदी तक ले जाने का संकल्प लिया है। जो काबिले तारीफ है।
‘पर्यटन पर्व’ में आकर आपको भारतीय सांस्कृतिक विरासत की विविधताओं के साथ-साथ वहां के पहनावों, वहां के खानपान, रहन-सहन आदि महत्वपूर्ण पहलुओं का पता चल रहा होगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि यहां आप विभिन्न राज्यों के त्योहारों, घटनाओं और गतिविधि से परिचित होंगें। समापन सत्र के उद्घाटन समारोह में बिहार की टीम ने इंद्रधनुष कार्यक्रम पेश कर दर्शकों का मन मोह लिया। जैसे ही छठ पर्व की गीत बजने शुरू हुए पूरा माहौल भावुक हो गया। गायन में वगीशा ने बेहतरीन प्रस्तुति दी। अपने बेहतरीन आवाज से वगीशा ने श्रोताओं का मन मोह लिया।
गौरतलब है कि पर्यटन पर्व में सांस्कृतिक नृत्यों के साथ-साथ प्रदर्शनियों, वस्त्र और शिल्प बाजार, खान-पान, कलाकारों द्वारा कार्यशालाएं, छात्रों के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता, वीडियो ग्राफी, ब्लॉग प्रतियोगिता में शामिल होने का अवसर दर्शकों को मिल रहा है। नृत्यों और संगीत में बनारस घराने की ‘पूर्व अंग गायिकी’, गुजराती सिद्दी धमाल, हरियाणा का बंब लहरी पग, बिहार का इंद्रधनुष, मध्यप्रदेश का मटकी नृत्य, झारखंड का सेरायकेलाचूहू नृत्य, केरल का फ्यूजन ऑफ ओपाना, मर्गम नृत्य आदि देखने को मिल रहा है। दिल्ली के इंडिया गेट से रफी मार्ग तक राजपथ रोड के दोनों किनारे भारत की विभिन्नता में एकता को प्रदर्शित करता ‘पर्यटन पर्व’ में अपने आप में अनूठा है, जिसे हर कोई देखने का अनुभव प्राप्त कर सकता है।

 

 

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