नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। देश के प्रमुख सरकारी बैंकों में शुमार पंजाब नेशनल बैंक को पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 4750 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। हालांकि इस दौरान उसके एनपीए में भी काफी सुधार देखने को मिला है। 2018 में हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी द्वारा किए गए 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले से बैंक को उबरने में अभी थोड़ा समय लगेगा। वहीं बैंक की प्रोविजनिंग 7611 करोड़ रुपये रही।
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को नीरव मोदी के घाटाले के बाद पहली बार अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 246.51 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। लेकिन, बैंक फिर से घाटे में आ गया है। जनवरी-मार्च में बैंक को 4,750 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। हालांकि, यह पिछले साल की मार्च तिमाही के 13,417 करोड़ रुपए के घाटे के मुकाबले 65% कम है। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के घोटाले की वजह से बैंक को पिछले साल इतना बड़ा नुकसान हुआ था। 2018-19 में घरेलू कारोबार में 11.1 फीसदी, घरेलू अग्रिम कारोबार में 14.1 फीसदी, वैश्विक जमा में 5.3 फीसदी और चालू तथा बचत खाते जमा में 8.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान ब्याज आय में भी 6.9 फीसदी जबकि परिचालन लाभ में 26.2 फीसदी का इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि एक साल पहले बड़े घोटाले की वजह से बैंक को 13,417 करोड़ रुपये की चपत लगी थी और उसका घाटा काफी बढ़ गया था।
घोटाले का शिकार बने सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे बड़े बैंक पीएनबी को वित्त वर्ष 2018-19 में 9,975 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। हालांकि, इस दौरान बैंक ने 12,995 करोड़ का परिचालन लाभ अर्जित किया, लेकिन भारी फंसे कर्ज (एनपीए) के कारण उसे 22,971 करोड़ की प्रोविजनिंग करनी पड़ी। पीएनबी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता ने कहा, यही कारण रहा कि बैंक को कुल मिलाकर घाटा हुआ है। हालांकि, इस साल बेहतर प्रबंधन के जरिये घाटे को सीमित किया गया है। इससे एक साल पहले बैंक को 12,283 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। बैंक के अनुसार, आलोच्य अवधि में बैलेंस शीट में बड़ा सुधार आया है।
बैंक ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तिमाही के दौरान उसकी सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घटकर 15.50 फीसदी पर आ गईं, जो मार्च, 2018 में 18.38 फीसदी थीं। इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए 11.24 फीसदी से घटकर 6.56 फीसदी रह गया। नियामक को दी गई सूचना में पीएनबी ने कहा कि बैंक ने मार्च 2018-19 के दौरान कुल आय 14,725.13 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल समान अवधि में पीएनबी की कुल आय 12,945.68 करोड़ रुपये रही थी।
इसी तरह, वित्त वर्ष 20181-19 के बैंक का कुल घाटा 9,570.11 करोड़ रुपये दर्ज किया गया जो पिछले वित्त वर्ष यानी 2017-18 की समान अवधि में यह घाटा 12,113.36 रुपये रहा था। पीएनबी ने कहा कि उसने 2018-19 की मार्च तिमाही के दौरान तरजीही आधार पर 80 करोड़ इक्विटी शेयर जारी किए जिस पर सरकार से 5,908 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश मिला। पीएनबी का प्रोविजन कवरेज रेश्यो पिछली तिमाही के 68.9 फीसदी से बढ़कर 74.5 फीसदी रहा। वहीं घरेलू नेट इंटरेस्ट मार्जिन पिछली तिमाही के 2.64 फीसदी के मुकाबले 2.45 फीसदी रहा।