बधाई भाजपा को, सचेत रहने की है जरूरत

 निशिकांत ठाकुर

वाह बधाई भाजपा को। बधाई इसलिए की उसने फिर इन दोनों ( महाराष्ट्र और हरियाणा) राज्यों में अपनी सरकार स्थापित करके यह सिद्ध कर दिया कि उसका जलवा अभी भी बरकरार है। भले ही संख्या में उलटफेर हुआ। राजनीतिक बिसात पर कई संभावित चालें चली गई। मान मनौव्वल हुआ। अवांछित के साथ भी बैठकें की गईं। असल में, हर राजनीतिज्ञों का उद्देश्य यही होता है कि चाहे कुछ भी हो येन-केन-प्रकारेण सरकार बनाकर सत्ता पर काबिज हुआ जाय। इसमें भारतीय जनता पार्टी सफल हुई, इसलिए उसे बधाईं।
अब लगभग ऐसा ही हो रहा है , लेकिन सत्तारूढ़ दल को अब यह चुनाव सोचने पर मजबूत करेगा कि विपक्ष अब सत्ता तक पहुंचने के लिए सक्रिय हो गया है क्योंकि उसका इतनी तेजी से आगे बढ़ना सत्तारूढ़ के लिए खतरे की घंटी है। जब भाजपा से अधिक वोट विपक्ष को पडे हों, तो भाजपा के लिए इसे अलार्मिंग भी माना जाएगा। देश की जनता अब सब जानती है कि उसके साथ किसने क्या किया और कौन उसे गुमराह कर रहा है! जनता नासमझ नहीं रही अब। सूचना-तकनीक के दौर में बातों को एक हाथ से दूसरे हाथ तक पहुंचने में चंद सेकेंड ही लगते हैं। यदि ऐसा नहीं होता तो जिस धनबल और बाहुबल से सरकार बनाने में विश्व कि सबसे बड़ी पार्टी को ऐडी चोटी का जोर लगाना पड़ा वैसा नहीं होता ।
अभी चुनाव से पहले जो माहौल था और जिस एग्जिट पोल ने विपक्ष कि नींद उड़ा दी थी कि महाराष्ट्र और हरियाणा से कांग्रेस का नामो निशान मिट जाएगा, उसी कांग्रेस ने सत्तरूढ दल की नींद उड़ा दी और बता दिया कि जनता को लंबे समय तक गुमराह नहीं किया जा सकता। एग्जिट पोल ने मीडिया की भी कलई खोली है। जनता सवाल भी कर रही है कि क्या मीडिया पक्षपाती हो गया है या अपने पथ से च्युत हो गया है ? दोनों ही स्थिति पत्रकारिता के लिए आदर्श नहीं है।
बहरहाल, दोनों राज्यों में प्रचार के सारे लगाम ढीले कर दिए गए । प्रधानमंत्री सहित देश के कई वरिष्ठ राजनेता तथा कांग्रेस की तरफ से पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित सभी राजनीतिज्ञों ने जी भरकर प्रचार किया ।
कई अनुभवों से यह ज्ञात है कि जब आप किसी की क्षमता पर भरोसा करते हैं और उसे निर्णय आदि की खुली छूट देते हैं, तो परिणाम हमेशा सकारात्मक ही होता है। खुली छूट केवल छूट भर नही है, वह एक जिम्मेदारी का एहसास भी होता है। उचित वक्ता अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढते रहते हैं। हरियाणा में कांग्रेस के प्रचारक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि किसी को में से कार्य करने दिया जाय तो वह सफल होता है। कांग्रेस के भीतर और पार्टी से बाहर भी हुड्डा ने स्वयं को एक बार फिर साबित किया है कि उनमें अभी काफी दमखम है। हरियाणा सरकार के मुख्मंत्रियों सहित कई मंत्रियों ने ने सत्ता में रहते यह सिद्ध कर दिया था कि कुछ भी करो कुछ भी बोलो जनता तो आपको वोट देगी। इस नई सरकार को इन फिजूल की बातों से परहेज करनी चाहिए क्योंकि उसके लिए जनता ने खतरे की घंटी बजा दी है।
रही बात महाराष्ट्र की वहां शिव सेना और भाजपा के गठबंधन के कारण ही आज सरकार बन रही है, यदि यह गठबंधन नहीं होता तो जनता ने हो अपना रूख अपनाया उसमे भाजपा का हारना तो तय था। इसका अर्थ यही होता है सत्तारूढ़ दल को अब संभलकर चलने की जरूरत है , लेकिन यदि वह अपने कर्तव्य से भटक गई तो देश का यह कोई आखरी चुनाव नहीं है जनता और विशेषकर कांग्रेस इनसे निपटने के लिए तैयार है।

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