डेंटल केयर है पॉलिमेरिक दंत प्रत्यारोपण


नई
दिल्ली/ टीम डिजिटल। डेंटल केयर में लगातार विकास हो रहा है। यही वजह है कि दांत की हर बीमारी और प्रत्यारोपण का आज बेहतर इलाज है। या यूं कहें कि अब दंत प्रत्यारोपण की बेहतर डिजाइन और हड्डी ग्राफ्टिंग की विधियों के कारण दंत प्रत्यारोपण तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। दांतों के क्षय के कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इससे जबड़े भी प्रभावित होते हैं और अधिक कमजोर हो जाते हैं और खराब होने लगते हैं। शेष दांत टूटे हुए दांत की खाली जगह को भरने के प्रयास में खुद में बदलाव करना शुरू कर देते हैं। सामान्य रूप से चबाना भी मुश्किल हो जाता है और पीड़ित के जबड़े में सूजन आ सकती है और तेज सिरदर्द हो सकता है। जितने अधिक दांत टूटते हैं, शेष दांतों को उतनी ही कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। दांतों पर इस अतिरिक्त बोझ के कारण दांतों का क्षय और टूटना बढ़ जाता है।
लाखों लोग कई स्थितियों से अपने दांतों की रक्षा करने में विफल रहते हैं और उनके दांतों का नुकसान हो जाता है। इसमें उम्र और लिंग से कोई मतलब नहीं है। दांतों को नुकसान होने के आकस्मिक कारण के अलावा, कुछ बीमारियां और आनुवांशिक विकृतियां सहित कई अन्य कारण भी होते हैं जो काफी अधिक योगदान देते हैं। दांतों को सुरक्षित रखने के लिए रोकथाम सबसे उचित कदम है। नियमित रूप से दंत चिकित्सक से परामर्श लें और प्राकृतिक दांतों के लंबे जीवन के लिए मुंह की समुचित स्वच्छता बनाए रखें।

 

 

 


ग्रीन पार्क डेंटल, निदेशक डाॅ. एस. पी. अग्रवाल बताते हैं कि एक 23 वर्षीय युवा क्रिकेटर की चोट लगने से उनके ऊपर के सामने के दो दांत टूट गए थे। जब दंत चिकित्सकों की टीम ने उन्हें आंशिक डेंचर कराने (नकली दांत लगाने) की सलाह दी, तो उन्होंने मना कर दिया और बेहतर समाधान का विकल्प चुना। समाधान था दंत प्रत्यारोपण। यह प्राकृतिक दांत की ही तरह लगता है। अत्यधिक विशिष्ट प्रक्रियाओं के माध्यम से पहले उनके जबड़े को पूरी तरह से ठीक किया गया ताकि इम्लांट ठीक से और अच्छी पकड़ के साथ फिट हो सके। उसके बाद उनके जबड़े के साथ ’बायोपिक’ नामक सफेद पोलिमेरिक इंप्लांट लगा दिया गया। अब वह प्राकृतिक दांत की तरह चमक का आनंद ले रहे हैं।

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