अमेठी वालों से बोलीं प्रियंका, ‘मैं हूं ना’

 
दीप्ति
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में संगठन को चुस्त करने की कवायद में जुटीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने भाई एवं पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र अमेठी की समीक्षा की। प्रियंका ने लोकसभावार मैराथन बैठकों के सिलसिले में मंगलवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे अमेठी संसदीय क्षेत्र के नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत में हर समस्या के जवाब में कहा, ‘‘मैं हूं ना, अब मैं देखूंगी।’’
प्रियंका से मुलाकात करने वालों में शामिल युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव अशोक सिंह ने श्भाषाश् को बताया कि प्रियंका ने कार्यकर्ताओं से पूछा कि प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने के क्या रास्ते हैं। साथ ही कांग्रेस की प्रदेश इकाई, जिला इकाइयां, ब्लॉक और बूथ स्तर पर पार्टी संगठन कैसा काम कर रहे हैं।’’ सिंह के मुताबिक प्रियंका ने कहा, ‘‘आप लोग नौजवानों, बुजुर्गों, महिलाओं समेत समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलें। श्अब मैं आयी हूं ना। मैं सबको एक साथ देखना चाहती हूं। सभी लोग 2019 के लिये तैयार रहिये।श् उन्होंने कहा कि प्रियंका को जब बताया गया कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग अमेठी के गांव-गांव जाकर तरह-तरह की अफवाहें फैलाकर गुमराह कर रहे हैं कि मोदी सरकार ने क्या-क्या काम किये हैं, तो उन्होंने कहा श्मैं हूं ना, आप लोग तटस्थ रहिये, अब कोई गुमराह नहीं कर पायेगा। अब मैं देखूंगी।श् सिंह ने बताया कि प्रियंका ने कहा, ‘‘ मुझे पता चला था कि संगठन काफी समय से उतना सक्रिय नहीं है, जितना होना चाहिये। अब यह नहीं होगा, आपका बल मेरे साथ चलेगा। आप जहां चाहेंगे, मैं खड़ी मिलूंगी।’’ उन्होंने बताया कि बैठक में स्मृति ईरानी के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई।
गौरतलब है कि प्रियंका ने कल रात भर अपने प्रभार वाले लोकसभा क्षेत्रों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत का मैराथन सिलसिला जारी रखा, जो आज सुबह करीब पांच बजे खत्म हुआ। कांग्रेस महासचिव ने दोपहर करीब 12 बजे फिर बैठकों का दौर शुरू किया, जिसके देर रात तक जारी रहने की सम्भावना है। बता दें कि प्रियंका गांधी की भूमिका का बढ़ा दायरा कांग्रेस पार्टी का ग्राफ बढ़ाने में भी मददगार बनेगा। प्रियंका गांधी यूपी में लोकसभा चुनावों के टिकट वितरण से लेकर चुनावी रणनीति तय करने और पार्टी के चुनाव प्रचार में भी अग्रणी भूमिका में रहेंगी। उम्मीद की जा सकती है कि प्रियंका गांधी की यह नई पारी कांग्रेस विरोधियों की इस धारणा को तोड़ने में कामयाब होंगी कि उत्तरप्रदेश में कांग्रेस पार्टी अब खत्म हो चुकी है। यूपी में पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को सिर्फ 2 सीटें ही मिली थीं। जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को सिर्फ 7 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिये यूपी में पाने के लिये अभी बहुत कुछ है। बस आवश्यकता है तो उत्साह और एकजुटता पूर्वक काम करने की, जो प्रियंका गांधी के नेतृत्व में न यह सिर्फ संभव होगा बल्कि कांग्रेस पार्टी को इसका लाभ भी मिलेगा। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि प्रियंका की आंधी में  कांग्रेस पार्टी के लिये यूपी सध जाएगा।

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