दिल्ली विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के छात्रों ने JNU में हुई हिंसा के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन।

नई दिल्ली। 5 जनवरी को जेएनयु में हुए बर्बरतापूर्ण मारपीट की घटना के आलोक में दिल्ली यूनिवर्सिटी के सोशल वर्क डिपार्टमेंट के सभी छात्रों ने प्रतिरोध मार्च निकला. गौरतलब है कि कल नकाबपोश लोगों द्वारा जेएनयू कैंपस में छात्र/छात्राओं और शिक्षकों पर बर्बरता पूर्वक हमला किया गया। हमले के दौरान जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष ऐशे घोष समेत कई छात्रों को गहरी चोट आयी है। हमले के दौरान पुलिस जेएनयू गेट पर मौजूद तमाशबीन बनी रही और 3 घंटे तक कैंपस के भीतर हिंसा को अंजाम दिया गया। इस घटना के बाद पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं. देशभर के कैम्पस सरकार समर्थित लोग घटना को अंजाम दे रहे हैं, जिससे कैंपस में दहशत का माहौल बना हुआ है। कहीं पुलिस तो कहीं गुंडों के द्वारा छात्रों पर हमले हो रहे हैं। महंगी होती फीस और कैम्पसों में आतंक के माहौल की वजह से आम छात्रों का पढ़ना दूभर होता जा रहा है।

आज दिल्ली विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के छात्रों द्वारा जेएनयू हिंसा के खिलाफ डिपार्टमेंट से LG हाउस तक (नार्थ कैंपस) होते हुए शांतिपूर्ण मार्च निकाला गया। दिल्ली में कानून बहाल करने, विरोध के लोकतांत्रिक अधिकार को सुरक्षित करने और देशभर के कैम्पसों लोकतांत्रिक माहौल को कायम करने की मांग की गयी। समाज या संस्थान पर एक खास विचारधारा को थोपने की कोशिश को आम छात्र बर्दास्त नहीं करेंगे। मार्च का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ.

मार्च का नेतृत्व कर रहे छात्र संघ अध्यक्ष अनीश कुमार ने कहा की एक सभ्य समाज यूनिवर्सिटी में हिंसा को कभी बर्दाश्त नही कर सकता. अभिव्आयक्येति की आज़ादी खतरे में है. दिन शैक्षिक संस्थानों पर हो रहे हमले से पढाई बाधित हो रही है, और इससे परिणामस्वरूप आम छात्रों में भी दहशत का माहौल बना हुआ है. सरकार और पुलिस की जिमेदारी है दोषियों पर सख्त करवाई हो और कैंपस में शांति बहाल करे.

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