बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल्स का खिताब जीतकर पी वी सिंधु ने रचा इतिहास


रणवीर सिंह
नई दिल्ली। भारत की स्टार महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी. वी. सिंधु ने शानदार प्रदर्शन कर रविवार को बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल्स का खिताब अपने नाम कर लिया। वर्ल्ड नम्बर-6 सिंधु ने महिला एकल वर्ग के फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को मात दी। सिंधु ने वर्ल्ड नम्बर-5 ओकुहारा को एक घंटे और दो मिनट तक चले मैच में सीधे गेमों में 21-9, 21-17 से हराकर खिताबी जीत हासिल की। सिंधू अब इस उपलब्धि को हासिल करने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। सिंधू कई बार फाइनल मैच हारकर गोल्ड मेडल से चूक चुकी थीं लेकिन इस बार जैसे ही उन्होंने फाइनल जीता वैसे ही उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए।

इससे पहले सिंधू ने संघर्षपूर्ण सेमीफाइनल में थाईलैंड की रतनाचोक इंतानोन की कड़ी चुनौती से पार पाकर 54 मिनट तक चले मैच में 21-16, 25-23 से जीत दर्ज की थी। विश्व में छठे नंबर की 23 वर्षीय सिंधू ने रियो ओलंपिक, पिछली दो विश्व चैंपियनशिप और जकार्ता एशियाई खेलों सहित कुछ बड़े टूर्नामेंटों में फाइनल गंवाया था लेकिन इस बार सिंधू ने ये मौका हाथ से जाने नहीं दिया और शानदार प्रदर्शन कर इतिहास रचने में कामयाबी हासिल की।

सिंधू ने सीधे गेम में जीत दर्ज की और विश्व टूर फाइनल्स का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं। लगातार तीसरी बार सत्रांत फाइनल्स में खेल रही सिंधू को पिछले साल जापान की ही अकाने यामागुची के खिलाफ शिकस्त के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा था लेकिन इस बार वह एक घंटे और दो मिनट चले मुकाबले में ओकुहारा को 21-19 21-17 से हराकर खिताब जीतने में सफल रहीं। काफी समय से बड़े टूर्नामेंटों के फाइनल में जीत दर्ज करने में नाकाम रही सिंधू ने जश्न के आंसुओं के साथ राहत की सांस ली।

साइना नेहवाल 2011 में विश्व सुपर सीरीज फाइनल्स के फाइनल में पहुंची थी जबकि 2009 में ज्वाला गुट्टा और वी दीजू की जोड़ी मिश्रित युगल में उप विजेता रही थी। ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता सिंधू ने अहम मौकों पर धैर्य बरकरार रखा और अधिकांश समय जापान की खिलाड़ी पर बढ़त बनाए रखी। पहले गेम में ओकुहारा ने कुछ गलतियां की जिससे सिंधू ने बढ़त बनाई। सिंधू ने कुछ अच्छे ड्राप शाट लगाए और नेट पर अच्छे अंक जुटाकर 7-3 की बढ़त बनाई लेकिन ओकुहारा ने स्कोर 5-7 कर दिया। सिंधू ने हालांकि लंबी रैली में दबदबा बनाया और वह ब्रेक तक 11-6 से आगे थी।

ओकुहारा ने इसके बाद वापसी की और 16-16 के स्कोर पर बराबरी हासिल कर ली। जापान की खिलाड़ी एक समय 6-14 से पीछे थी लेकिन अगले 12 में से 10 अंक जीतकर स्कोर बराबर करने में सफल रहीं। ओकुहारा ने हालांकि इसके बाद दो स्मैश बाहर मारकर सिंधू को 19-17 से बढ़त बनाने का मौका दिया। सिंधू को इसके बाद तीन गेम प्वाइंट मिले। ओकुहारा ने दो गेम प्वाइंट बचाए लेकिन सिंधू ने शानदार ड्राप शाट के साथ पहला गेम जीत लिया। दूसरे गेम में भी सिंधू ने ओकुहारा को लंबी रैली में उलझाकर 6-4 की बढ़त बनाई लेकिन जापान की खिलाड़ी ने 7-7 पर बराबरी हासिल कर ली। सिंधू हालांकि ब्रेक तक 11-9 की बढ़त बनाने में सफल रही। ओकुहारा ने 12-13 और फिर 16-17 के स्कोर से सिंधू पर दबाव बनाए रखा।

ओकुहारा ने नेट पर शाट उलझाकर सिंधू को 18-16 की बढ़त बनाने का मौका दिया। सिंधू ने लंबी रैली का अंत स्मैश के साथ करते हुए स्कोर 19-16 किया। सिंधू ने 19-17 के स्कोर पर नेट पर भाग्यशाली अंक के साथ तीन मैच प्वाइंट हासिल किए और फिर तुरंत अगला अंक जीतकर गेम, मैच और खिताब अपने नाम किया।

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