चुनाव आयोग की विश्वसनीयता दांव पर

कमलेश भारतीय

नई दिल्ली। आज तक परीक्षा के दिनों में प्रश्नपत्र लीक होने की बातें सामने आती रही हैं लेकिन चुनाव आयोग के चुनाव करवाने की तिथियां भी लीक होने लगीं । यह पहली बार सुना है । बच्चे परीक्षा के लिए पेपर लीक करवाने के लिए पता नहीं क्या क्या खर्च करते हैं , अभिभावक व स्कूल संचालक तक शामिल रहते हैं । वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात में बच्चों को परीक्षा से न घबराने के नुस्खे बांटते हैं तो अपने कार्यकर्ताओं को यही नुस्खे बांटते तो चुनाव की तिथि लीक करवाने की नौबत नहीं आती । चुनाव आयोग द्वारा मीडिया को बताने से पहले ही भाजपा व कांग्रेस ने कर्नाटक चुनावी की तिथि लीक कर दी । यह क्या हुआ ? कैसे हुआ ? क्यों हुआ ? ये तो पूछो । भाजपा व कांग्रेस एक दूसरे को कठघरे में खडे कर रही हैं । रणदीप सुरजेवाला तो चुनाव आयोग को भाजपा चुनाव आयोग कह रहे हैं । जबकि भाजपा के मुख्तार अब्बास नकवी इसे कांग्रेस की ओच्छी राजनीति करार दे रहे हैं । वे कहते हैं कि चुनाव आयोग की छवि धूमिल नहीं करनी चाहिए । जबकि कांग्रेस यह उम्मीद कराने रही है कि भाजपा को नोटिस दिया जाए । दोनों दल चैनलों पर दोष मढ़ रहे हैं ।
चुनाव की तिथि 12 मई ही निकली पर परिणाम घोषणा 15 मई को होगी जोकि 18 मई बताई जा रही थी । अभी तक तो सीबीआई को ही केंद्र का तोता माना जाता है । लगता है की चुनाव आयोग दूसरा तोता साबित हो रहा है । छवि किसकी खराब हो रही है? केंद्र की या चुनाव आयोग की ? चुनाव आयोग के अनुसार जांच होगी और जांच समिति एक सप्ताह में रिपोर्ट दे देगी । चलिए । जांच का विषय बन गया । अब हम क्या कहें ?

Leave a Reply

Your email address will not be published.