प्रेम,  प्यार और राजनीति की दलदल 

संसद में लगभग बारह घंटे की लम्बी बहस के बावजूद दोनों बडे नेताओं का दिल अभी भरा नहीं ।  संसद के बाहर भी हैंगओवर चल रहा है । अच्छी बहस का यही कमाल है । नशा उतरता ही नहीं ।
कल शाहजहांपुर में थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद की बात को नये सिरे से आगे बढाते कहा कि अविश्वास किस बात का ? मैं काम कर रहा हूं न ? फिर दलदल की राजनीति जितनी बढेगी , कमल उतना ही ज्यादा खिलता है । आंख मिला कर नहीं देखूंगा क्योंकि आंख मिलाने पर सुभाष चन्द्र बोस तक कांग्रेस के अध्यक्ष नहीं रस पाए थे । कैसे कांग्रेस को घेरना है और कैसे मन माफिक बात बना लेनी है , यह कला है मोदी के पास। गले लगने को गले पडना साबित करने में जुट गये हैं । मीडिया भी पूरा भागीदार हैं,  चौकीदार नहीं । चौथे स्तम्भ की मर्यादा नहीं बची । पेड न्यूज से प्रिंट मीडिया बदनाम हैं ।
दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया कि प्रेम और  करूणा से ही देश का निर्माण किया जा सकता है जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नफरत और डर का इस्तेमाल किया । देश प्रेम और करूणा से ही बनेगा और जुड़ेगा । मैंने गले लग कर यही संदेश देने की कोशिश की । भाजपा और मीडिया  ने इसे गले पडना बनाने में कोई कसर नहीं छोडी ।
संसद में बहुत कुछ कहने कोशी बचा रह गया । बाहर आकर अपना अपना मुद्दा प्रचारित करने में जुट गये नेता सन् 2019 के चुनाव की तैयारियों में जुट गये हैं ।  शाहजहांपुर से मोदी ने शुरुआत कर दी है और कर्नाटक में कांग्रेस भी तैयारियों में जुट गयी है । गुजरात और कर्नाटक में कांग्रेस ने भाजपा को चित किया । अहमद पटेल ने राज्यसभा चुनाव जीत करने तोकर्नाटक में कुमारस्वामी को पहले बहुमत देकर । इन हारों को भाजपा किसी तरह पचा नहीं पा रही । अमित शाह संपर्क फार समर्थन के लिए भाग दौड में लगे हुए हैं ।
कांग्रेस से तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी सवाल पूछ रही है तो शिवसेना राहुल गांधी कोई क्रोएशिया और मोदी कोई फ्रांस बता रही हैं । यानी मैच या वर्ल्ड कप बेशक फ्रांस ने जीता लेकिन दिल जीता क्रोएशिया ने । हालांकि शिवसेना मत देने के पचडे में नहीं पडी । इसी तरह हरियाणा की इनेलो भी बहिष्कार कर गयी । जिस पर नवीन जयहिंद ने चुटकी ली है कि इनेलो और भाजपा का गुप्त समझौता खुल कर दिखा । बेशक भाजपा को किसी के समर्थन की जरूरत नहीं थी पर राजनीति में बात बनाने की कला आनी चाहिए ।
संसद से लेकर सडक तक अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा है ।
 – कमलेश भारतीय 

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