एडवोकेट्स का वेलफेयर है दिल्ली बार कौंसिल चुनाव में अहम मुद्दा

 

दिल्ली बार कौंसिल का चुनाव लड रहे एडवोकेट सरफराज अहमद सिद्दीकी कहते हैं कि हर इलेक्शन में कई मुद्दे होते हैं। लेकिन, हमारा फोकस वकीलों के वेलफेयर पर है। युवाओं के भविष्य को संवारने को लेकर है। ऐसे ही मुद्दों पर उनसे बात हुई। पेश है उस बातचीत के प्रमुख अंश:

सवाल: दिल्ली बार कौंसिल के चुनाव की तारीख की घोषणा अब तक नहंी हुई है। आप चुनावी तैयारी में हैं। कब तक चुनाव होना है ?
जवाब: माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली बार कौंसिल सहित कई दूसरे राज्यों के बार कौंसिल का चुनाव दिसंबर में होना तय हुआ है। यह सच है कि अभी तक चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन, मुझे पूरा भरोसा है कि दिसंबर के दूसरे सप्ताह के आसपास यह कभी भी हो सकता है। इतना तय मानिए कि यह होगा दिसंबर, 2017 में ही।
जहां तक बात आपने चुनावी तैयारियांे की है, तो वह हमारा संपर्क अभियान है। अभी त्योहारों का मौसम है। लोगों से मेल मिलाप तो होना ही है, चुनाव ही अपने आप में अहम है।

सवाल: दिल्ली बार कौंसिल के चुनाव में आपके मुद्दे क्या होंगे ?
जवाब: जहां तक बात मुद्दों की है, तो एक नहीं कई मुद्दे हैं। वैसे, हमारा मुख्य फोकस वकीलों का वेलफेयर है। हम जिस बिरादरी से आते हैं, उसका हर एक व्यक्ति खुशहाल हो। दिल्ली बार कौंसिल के सदस्यों को मैं एक बिरादरी मानता हूं। जब हर कोई खुशहाल होगा, तो हमारी उन्नति खुद ब खुद हो जाएगी। वकीलों के सामने कई समस्याएं हैं। दिल्ली बार कौंसिल अपने स्थापना काल से ही वकीलों के हितों की बात सोचती है। हम लोगों को न्याय दिलाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। साथ ही हमारी यह भी जिम्मेदारी है कि अपने साथियों के हितों की बात भी रखें।

सवाल: आपने वकीलों के लिए यातायात का मुद्दा भी उठाया है ?
जवाब: हां, यह सच है। मैं आपको बता दूं कि एक अदालत से दूसरी अदालत आने जाने के लिए यातायात के साधन पर्याप्त नहीं है। कई जगह के लिए दिल्ली मेट्ो की कनेक्टेविटी है, और कई जगह के लिए ऐसा नहीं है। दिल्ली बार कौंसिल का चुनाव जीतने के बाद हमारी कोशिश होगी कि हम बसों की सुविधा पर्याप्त हों। हमारे कई साथी जो निजी वाहनों से आते-जाते हैं, यदि सार्वजनिक परिवहन की सुविधा हो जाएगी, तो उसका उपयोग कर सकते हैं। दिल्ली में छह डिस्ट्किट कोर्ट, एक हाईकोर्ट और एक सुप्रीम कोर्ट और बहुत सारे कमीशन और ट्ब्यिूनल हैं, जहां पर हमारे एडवोकेट साथियों को बराबर हाजिर होना पडता है। मेरा मानना है कि इन सभी जगहों के लिए दिल्ली बार कौंसिल के सीरी फोर्ट स्थित कार्यालय का आपस में बेहतर कनेक्टेविटी होनी चाहिए। साथ ही हमारी कोशिश होगी कि हम जिला अदालतों के साथ दिल्ली उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट को भी आपस में विशेष यातायात सुविधा से जोडें।
और हां, मैं आपकेा बता दूं कि अपने साथियों के लिए दिल्ली बार कौंसिल की तरफ से मैंने स्वास्थ्य बीमा कराने की बात भी दिमाग में रखा हुआ है। इतना हीं नहीं, जब किसी दुर्घटना में हमारे कोई साथी दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं, या किसी अन्य वजह से अपने प्रोफेशन में नियमित रूप से कार्य नहीं कर पाते तो हम उनके घर के पालन-पोषण की व्यवस्था कराने के लिए प्रयासरत रहेंगे।

सवाल: दिल्ली में हर साल हजारों वकीलों बार कौंसिल के सदस्य बनते हैं। उनके लिए कई समस्याएं हैं, उसके लिए क्या सोचा है ?
जवाब: हम नए वकीलों के लिए कार्यशाला और सेमिनार का आयोजन कराएंगे। जब कोई एलएलबी करने के बाद बार कौंसिल का सदस्य बनता है, तो उसे कई प्रकार की व्यवहारिक दिक्कतों का सामना करना पडता है। हम विधिक कार्यशालाओं के माध्यम से उन समस्याओं को दूर करेंगे। सीनयर्स जब अपने जूनियर्स को ड्ाफिटंग आदि की जानकारी देंगे, तो उनको काफी लाभ मिलेगा। हर वर्ष हजारों युवा लाॅ की डिग्री लेकर दिल्ली आते हैं। सबकी एक ही ख्वाहिश होती है कि वे दिल्ली आकर किसी सीनियर एडवोकेट के अधीन में जूनियरशिप करें। मगर, सबकी किस्मत अच्छी नहीं होती है। कइयों को काफी मुसीबतों का सामना भी करना पडता है। व्यक्तिगत स्तर पर मुझसे जितना सहयोग होता है, जूनियर्स को हम मौका देते हैं। अपने कई साथियों से भी कहता हूं कि जूनियरशिप पर अपने यहां रखें। जो लडके लडकियां हमारे यहां आते हैं, उनमें अधिकतर टेलेंटेड होते हैं। हम केवल इसलिए खारिज नहीं कर सकते हैं कि इस फील्ड में नए हैं। हमें उनकी बातों को गंभीरता से सुनना होगा। उनके पास कई नए आइडियाज भी होते हैं।

सवाल: इनकी आर्थिक सहायता के लिए कोई आइडिया आपके दिमाग में ?
जवाब: दिल्ली बार कौंसिल का चुनाव जीतने के बाद हम इन न्यूकमर्स के लिए स्टाइपेंड इत्यादि की खास व्यवस्था करेंगे। कोई भी जब अपने गांव या शहर से दिल्ली आता है, तो उसे यहां एडजस्ट करने में कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पडता है। यदि हम इनके लिए थोडी भी सहूलियत प्रदान कर दें, तो इनके लिए काफी सहायता हो जाएगी। हमारी पूरी कोशिश होगी कि एक तयशुदा राशि इनके लिए निर्धारित की जाए।

सवाल: चुनाव के लिए कोई खास रणनीति अब तक आपने बनाई है ?
जवाब: ऐसी कोई खास रणनीति नहीं होती है, बस केवल अपने सहकर्मी वकीलों से मेल-मुलाकातों का दौर बढ़ा दिया है। अलग-अलग अदालतों में जाकर वकीलों से मिलना, उन्हें चुनाव में शामिल होने के अपने मकसद से अवगत कराना ही मुख्य बात होती है। अच्छी बात यह है कि अमूमन हर जगह से बेहतर रेस्पॉन्स मिल रहा है, जिससे हौसले भी बुलंद हैं। हर वकील को काम मिले। हरेक अधिवक्ता को समुचित आर्थिक उपर्जान की व्यवस्था हो। दिल्ली बार कांैसिल में पंजीकरण में पूरी पारदर्शिता बरती जाए। हर वकील का स्वास्थ्य बीमा हो। हमारी कोशिश होगी कि दिल्ली बार कौंसिल का दूसरे राज्यों के बार कौंसिलों के साथ समय-समय पर संवाद कार्यक्रमों का आयोजन हो, तािक सूचनाओं और कार्यशैली का आदान-प्रदान बेहतर तरीके से हो। इससे हम पूरे देश के वकीलों को एक मंच मुहैया करा सकते हैं।

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